दुनिया के अंत का चक्कर...

दुनिया के अंत का चक्कर... अब
सौर तूफान आने की चेतावनी!
रायपुर रविवार।दिनांक 29 अगस्त 2010
बहुत पहले डिस्कवरी चैनल ने एक खोज पूर्ण खबर दिखाई थी जिसमें विश्व के एक विकासशील देश की उस पोल को खोला गया जिसमे उसने दावा किया था कि वह चाँद पर पहुंच गया और वहां उसके लोग घूम कर आये-चैनल ने अपनी खोज में वह चित्र दिखायें जिसमें कहा गया था कि यह देश चाँद पर वास्तव में पहुंचा ही नहीं इसके लिये चैनल ने हॉलीवुड की उस फिल्म का दृश्यांकन लोगों को दिखाया जिसके जरिये विश्व को बेवकूफ़ बनाने का प्रयास किया गया। वास्तव में जिस वीडियो को दिखा कर चाँद में उतरने वहां टहलने का दावा किया गया था वह हॉलीवुड की किसी फिल्म से लेकर दिखाया गया था। चैनल में उस फिल्म में मील का एक पत्थर देखकर यह पता लगा लिया कि जो दावा किया गया वह फ़र्ज़ी था। इस तथ्य को यहां उजागर करने के पीछे मैरा मकसद यह है कि हम वर्षो से यह भविष्यवाणी सुनते आ रहे है कि इस सन् मे या उस सन् में दुनिया का अंत हो जायेगा । कभी स्काइलैब गिरने की बात तो कभी महाअभियान से दुनिया का अंत तो कभी किसी वर्ष भारी तबाही मचाने वाले उल्का पिंड के गिरने की खबर से डराया जाता है। धर्म ग्रंथों में भी कई जगह दुनिया के अंत की बात कहीं गई है। असल में हम यह कह सकते हैं कि दुनिया का कभी अंत नहीं होने वाला। दुनिया तो अपनी जगह रहेगी,ै हां प्राकृतिक कोप और ऐसी ही अनेक विपतियां जिसमें भूकंप सुनामी आदि है के चलते इंसान, जानवर और संपत्ति भारी मात्रा में तबाह हो जाती है। बहरहाल एक ताजी भविष्यवाणी ने हाल ही लोगों का ध्यान आकर्षित किया है यह भविष्यवाणी खगोलविदों की तरफ से है जिनका कहना है कि सन् 2012 में धरती से सौर तूफान टकरायेगा। नासा के वैज्ञानिक भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं उनका कहना है कि यह सौर तूफान इतना ताकतवर रहेगा कि धरती की संचार व विद्युृत व्यवस्था को पूरी तरह नष्ट कर देगा। एयरलाइंस कंपनियां और जीपीएस प्रणाली को भी यह नष्ट कर सकता है। पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे सेटलाइटों को भी यह नष्ट कर सकता है। इससे पूर्व नासा ने इस महीने के आरंभ में ही चेतावनी दी थी कि अंतरिक्ष में जो चकाचौंध उन्होंने देखा हैं वह भीषण तूफान का एक संकेत त मात्र है लेकिन अब वे कह रहे हैं कि तूफान धरती में टकरा सकता है 1859 और 1921 में इसी तरह के तूफान ने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी 2012 में आने वाले तूफान को इससे भी ज्यादा भयानक बताया गया है। वैसे पूर्व के आकलन और भविष्यवाणियों के आधार पर इन भविष्यवाणियों पर आसानी से लोग विश्वास करने तैयार नहीं लेकिन प्रकृति के करवट बदलते रूप को देखकर इसपर विश्वास किये बगैर भी नहीं रहा जा सकता।

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