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जुलाई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रायपुर का सबसे बड़ा प्रायवेट अस्पताल एमएमआई विवादों में

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रायपुर का सबसे बड़ा प्रायवेट अस्पताल एमएमआई विवादों में ट्रस्टी कोर्ट का आदेश लेकर पहुंचे, ताले टूटे, विवाद गर्माया चेनल ने कहा-यह डकै ती! Raipur's largest private hospital in MMI disputes Trustees reached court order, locks broken, Dispute caused controversy, Chenal said - this robbery! .छत्तीसगढ़ में सन् 1995 के दशक में स्थापित सबसे बड़ा निजी अस्पताल एमएमआई इन दिनों विवादों में है. विवाद का प्रमुख कारण अस्पताल की सत्ता पाने दो प्रबंधनो के बीच का झगड़ा है. अस्पताल का भूमिपूजन 1989 में  तत्कालीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा ने किया था.1995 में यह बनकर तैयार हो गया. 23 अक्टूबर 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस अस्पताल का लोकार्पण किया. लोकार्पण के कुछ ही समय बाद ही अस्पताल प्रबंधन ट्रस्टियो के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद शुरू हो गया. विवाद का नतीजा यह हुआ कि  प्रबंधन दो भागों में बंट गया. अब प्रबंधन महेन्द्र धाड़ीवाल, रेखचंद लूनिया सहित आठ लोगो से निकलकर यह  सुरेश गोयल और अन्य साथियों के पास आ गया. पहले सरकारी स्तर पर विवाद को निपटाने का प्रयास हुआ और जब 

सुशांत की मौत सुसाइड या हत्या?,क्या पूर्व में हुई एक्टरों की मौत का राज भी खुलेगा?

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सुशांत की मौत सुसाइड या हत्या?, क्या पूर्व में हुई एक्टरों की मौत का राज भी खुलेगा? फैंस को रुलाने वाले  बॉलीवुड  अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पहले व्यक्ति नहीं है जिन्होंने कथित खुदकुशी का रास्ता अपनाया.बॉलीवुड की चकाचौंध ऐसी नहीं है जिसमें हर कोई खुश ही रहता है. सुशांत युवाओं की पसंद थे और उनकी पहचान एक जिंदादिल व्यक्तियों में की जाती थी. कुछ वक्त पहले उनकी फिल्म छिछोरे में उन्होंने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था जिसका बेटा आत्महत्या कर लेता है लेकिन खुद उनके द्वारा असल जिंदगी में ये कदम उठाना किसी को भी रास नहीं आया.सुशांत की तरह हर वर्ष लाखों लोग इस तरह का रास्ता अख्तियार करते हैं लेकिन इन सुसाइडस के कारण भी अलग -अलग हैं.अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या कोर्ट की निगरानी में गठित एसआईटी से कराने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है.यह दिल्ली की एनजीओ लेट्स टॉक की प्रमुख कंचन राय की ओर से भेजी गई है. याचिका में आरुषि तलवार जैसी कई आपराधिक घटनाओं के हवाले दिये गये हैं और सुशांत की कथित आत्महत्या और रिया चक्रवर्ती की भूमिका को सवालों के घे

अन्नदाताओं पर प्रकृति का कहर!

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अन्नदाताओं पर प्रकृति का कहर!    Nature's havoc on food providers! { See full story in English and Malyalam} पहले लोन से परेशान अब कृषक प्रकृति की मार से बेबस हैं.इस बार हमारे लिये अनाज पैदा करने वालों दो तरफा या कहे तितरफा मार पड़ी है. लाकडाउन,  टिड्डी  दल फिर बाढ़.किसान कुदरत की इस मार को झेल ही रहे हैं कोई ठोस समाधान भी इस बारे में नहीं निकल रहा. आगे चलकर हर आम आदमी को किसानों के साथ इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा . तितरफा हमले से  देश  में उत्पादित होने वाले अन्न के प्रतिशत में कमी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.कोरोना और बाढ़ के बीच एक अप्रत्याशित हवाई हमला हुआ टिड्डी दल का! जिसने रही सही कसर भी पूरी कर दी. भारत-पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों से प्राय: हर साल टिड्डियों का दल  भारत  में पहुंचता है लेकिन इस बार तो अति ही कर दी. एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 80 टिड्डी दलो ने भारत में प्रवेश कर देश के कई राज्यों में लाखों हैक्टेयर जमीन पर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया.ऐसा पहली बार हुआ जब पाकिस्तान से एक साथ 8 टिड्डी दल भारत में घुसे,जिनमें सात दल छोटे थे

फिर खिसके प्रभु पटरी से....क्यों ढीली है प्रभू की पटरी?

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9 देश में बीते 5 साल में 586 रेल हादसे हुए. इनमें से 53प्रतिशत एक्सीडेंट्स ट्रेन के पटरी से उतरने के चलते हुए शनिवार शाम यूपी के खतौली स्टेशन के पास उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरने के चलते 23 लोगों की मौत हो गई और 156 जख्मी हो गए।.रेलवे की इस भीषणतम ट्रेन दुर्घटना की खबर ने दुनिया को चौका दिया तो वहीं जिन परिवारों के साथ बीती उनके होश उड़ गये.घरों से निकलती चीख पुकार और रोने की आवाज ने सबको दहला दिया.यह वही यूपी है जहां पिछले सालों में कई बार रेल दुर्घटनाएं हो चुकी है तथा कई लोग मारे गये हैं. इस बार भी वैसा ही हुआ-पुरी हरिद्वार उत्कल एक्स्सप्रेस  दुर्घटना के समय बताया जा रहा है कि ट्रेन 115 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफतार से दौड़ रही थी-इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि पटरी से उतरने के बाद क्या हुआ होगा. हम तो कल्पना कर सकते हैं लेकिन जिन लोगों ने भी इस नजारे को देखा वह दहल गया. कुछ ही मिनटों में यह खबर सारे चैनलों में वायरल हो गई. चैनलों के संवाददाता और उनके कैमरे घटनास्थल पर पहुंच गये. हमें उनकी सक्रियता की दाद देनी चाहिये लेकिन रेलवे का सुरक्षा तंत्र और उसके अधि

क्यों है कांग्रेस की जवानी में आक्रोश! नेतृत्व में क्यों नहीं होता बदलाव? Why is there anger in Congress youth? Why is there no change in leadership?

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क्यों है कांग्रेस की जवानी में आक्रोश! नेतृत्व में क्यों नहीं होता बदलाव? [See All This in engilish and Malyalam}+ कांग्रेस में युवा नेताओं के बीच क्यों है आक्रोश? आजादी के बाद कई सालों तक सत्ता में रहने वाली देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस आज अंदरूनी अंतरद्वंद से जूझ रही है. वह लगातार जमीन छोड़ती जा रही है.ऐसे में शीर्ष पर राजनीति करने की महत्वाकांक्षा लिये घूम रहे नेताओं का न केवल हौसला पस्त हो रहा है बल्कि एक बड़ा प्रश्न चिन्ह भी उनके अपने भविष्य के सामने अंकित होते देख रहे हैं.पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जो राजनीतिक हैसियत बनी, वह कांग्रेस को सबक सीखने के लिए काफी थी, लेकिन इसके बाद भी अपनी शर्मनाक पराजय पर न तो कोई चिंतन हुआ और न ही उसने इस बात की जरूरत महसूस की. पार्टी की शर्मनाक हार से राहुल गांधी ने यह कहकर पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ दिया था कि अब पार्टी दूसरे किसी ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाए जो गांधी परिवार से बाहर का हो, लेकिन यह बात यहीं फिस्स हो गई, पार्टी के  कुछ ऐसे झूठ हैं जो कांग्रेस के लिए खुद के पैरो पर कुल्हाड़ी मारने वाले साबित हो रहे हैं. र

किसके जरिये यूएईसे तस्कर हुआ पन्द्रह करोड़ का सोना? Through whom did UAE smuggled fifteen crore gold?

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किसके जरिये यूएईसे तस्कर हुआ पन्द्रह करोड़ का सोना? Through whom did UAE smuggled fifteen crore gold? ആരാണ് യുഎഇ പതിനഞ്ച് കോടി സ്വർണം കടത്തിയത്? { You can see this story in Malyalam and English} \ पन्द्रह करोड़ रूपये का तीन सौ किलो सोना- केरल के तिरूवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक कैसे पहुंचा यह इन दिनों चर्चा का विषय है. इतने सोने की तस्करी की बात केरल जैसे राज्य के लोगों को भी हजम नहीं हो रही है जो अपने शरीर पर भारी मात्रा में सोना पहनते हैं. यह सोना पांच जुलाई को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्र्रीय हवाई अड्डे से सीमा शुल्क अधिकारियों ने  बरामद किया था.  सोना तस्करी का यह मामला इसलिये भी महत्वपूर्ण बन बैठा है चूंकि सोना यूएई के वाणिज्य दूतावास के लिए आए बैगों में भरा हुआ था. अब यह पता चला है कि सोना तेरह खेप में आया था. इन खेपों में कुल मिलाकर तीन सौ किलो सोना था जो  शौचालयों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों से भरे बैग में रखा हुआ था. तस्करी के आरोप में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी को हिरासत में लिया गया. उक्त कर्मचारी को हिरासत में लेने

निजता के अधिकार को और कितनी बार चुनौती ?

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फिर एक बार फोन टेपिंग सुर्खियों में र्है. पूरे भारत में लगभग 6000 से ज्यादा फोन रोज टैप होते हैं. अक्सर नेताओं, बड़े लोगों और कभी- कभी फिल्मी सितारों के फोन भी टैप हो जाते हैं. बहुत से लोगों ने फोन टेपिंग की खबर सुनी है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर यह किस्सा क्या है. लोग हमारी निजता [प्रायवेसी] को कैसे चुरा लेते हैं? कौन इन्हे टैप करता है? एक सर्वे के अनुसार ज्यादातर लोग अपने निजता के प्रति सख्त कानून चाहते हैं. दरअसल, जब कोई तीसरा व्यक्ति किसी की बिना इजाजत के आपकी बातचीत को रिकॉर्ड करके सुने उसे फोन टैपिंग कहते हैं ये टेलीफोन या इंटरनेट कालिंग किसी भी माध्यम से हो सकता है. प्राइवेसी या निजता  का अधिकार सभी व्यक्तियों को मिला हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार माना है.ऐसे में अगर कोई आपका फोन टैप करता है तो यह गैरकानूनी होता है.पहले जब भारत के पास तार वाले फोन यानि लैंडलाइन हुआ करते थे, तो टैपिंग बहुत आसान हुआ करता था. एक रेडियो स्कैनर की मदद से कि सी का भी टेलीफोन काफी आसानी से टैप किया जा सकता था. दरअसल, रेडियो स्कैनर कई तरह की फ्रीक्वेंसी में काम करने में सक्षम