सांपों के लिये हास्टल...

रायपुर सोमवार।दिनांक 22 अगस्त 2010

सांपों के लिये हास्टल...और हाथी,
आवारा मवेशी, कुत्ते कहां जायेगें?
रायपुर के पास नंदनवन में सांपों का भी अपना हास्टल होगा, वे वहां आराम से रहेंगे, उनकों वन विभाग के कर्मचारी दूध- रोटी और कभी कभी चूहों का मांस भी खिलायेंगे! पूरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले सांपों का जमघट..क्या मजा आयेगा न! इस खबर ने आज मुझे रोमांचित कर दिया। मेरे मन में ख्याल आया कि हमारे लोगों को सांप की कितनी चिंता है। इंसान और भगवान को इस बरसात के मौसम में अवैध कब्जे के नाम से घरों से बेदखल किया जा रहा है और अंबिकापुर, सूरजपुर, जशपुर के जंगलों में रहने वालों को हाथी पछाड़ रहे हैं। तपकरा और कोरबा इलाकों में लोगों को नाग डस- डसकर काल के गाल में पहुंचा रहे हैं । वहीं राजधानी रायपुर की सड़कों पर आवारा मवेशियों और कुत्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है, उसकी किसी को चिंता नहीं। हमारे कर्ताधर्ताओं को चिंता है, उन सांपों की जिनके काटने के बाद आदमी सीधे स्वर्ग लोक के दर्शन करता है। जिसके काटने के बाद इंसान को बचाने के लिये अस्पतालों में दवा भी उपलब्ध नहीं होती। सांपों का नंदनवन या वनअधिकारियों के घरों की शोभा बढ़ाने के लिये सांप पालने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिये लेकिन सांपों को घर और सुविधा देने के साथ इंसान को भी तो देखो। वह किन परिस्थितियों में सांप और हाथियों तथा आवारा मवेशियों के बीच रह रहा है। सांप के काटने से प्रतिवर्ष सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। तपकरा, कोरबा, जशपुर तथा अन्य अनेक क्षेत्रों में सांप समस्या बने हुए है। वहीं इन्हीं क्षेत्रों के आसपास हाथियों ने कहर ढा रखा है। हाथियों के आंतक का कोई स्थाई समाधान नहीं निकल सका है। हाथियों के झुण्ड इंसानों को रौंद रहे हैं तथा उनकी संपत्ति को स्वाहा कर रहे हैं। सरकार के कान में बात डालने पर वे इस कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देती है। राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ की सड़कों पर आप कहीं से भी निकल जाइय े, आवारा मवेशियों व आवारा कुत्तों से सड़कें भरी पड़ी हैं। अगर आपकों सड़क से निकलना हो तो रास्ता स्वंय तैयार करना पड़ता है। ऐसी परेशानियों से रूबरू होने वाले हमारे कर्ता - धर्ता भी हैं जिन्हें इन सबसे कोई लेना- देना नहीं। हम वन विभाग की सांपों को नंदनवन में एक साथ एक हास्टल में रखने के लिये उन्हें बधाई देते हैं, लेकिन सरकार से यह भी मांग करते हैं कि जंगलों से आबादी वाले क्षेत्रों में आकर तबाही मचाने वाले हाथियों, शहर की सड़कों पर बेधड़क विश्राम कर रहे आवारा मवेशियों और गली- गली में भौं- भौ कर किसी भी इंसान को काटने वाले जानवरों के लिये भी कहीं ऐसा हास्टल तैयार करें, जहां उनके खान पान व रहने की भरपूर व्यवस्था हो...बस सांप को आदरपूर्वक मकान में संजोकर रखने वालों व सरकार दोनों से हम इंसानों की तरफ से यही एक निवेदन है।

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