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एक लीटर पानी से मंहगा तेल, कर के बोझ तले दबा इंसान

जीएसटी, सीएसटी को विशेषज्ञ चाहे किसी भी तरह से लोगों को समझाये लेकिन आम लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्‍हें सरकार ने जो एक देश एक टैक्‍स का वादा किया था वह कहां है? हम पैदा होते हैं तबसे लेकर मरते दम तक एक नहीं तरह तरह के टैक्‍स के बोझ तले दब रहे हैं और सरकार है कि हमारे हर नित्‍य कार्य पर जबर्दस्‍त कर थोपे जा रही हैं. पेट्रोल डीजल, गैस, घासलेट का भाव जब चाहे तब बढा दिया जाता है. वैश्विक मूल्‍य कम होने के बाद भी उसे कम करने में कई नखरे दिखाये जाते हैं वहीं आम जरूरतो को पूरा करने के लिये अपनी कमाई का एक बडा हिस्‍सा विकास और अन्‍य जनोपयोगी काम के नाम पर सरकार अपने थैले में डलवाती है.इसमे इंकम टैक्‍स भी शामिल है: पूरे देश में एक कर की बात कही गई थी लेकिन केन्‍द्र और राज्‍य दोनों के नाम पर जीएसटी लागू कर दो टैक्स के अलावा रोजमर्रा के कामों में कई टैक्‍स एक साथ वसूला जा रहा है: खास बात यह कि जीएसटी के दोनों टैक्‍स में कोई अंतर भी नहीं हैं: लोग पूछते हैं जब राज्‍य केन्‍द्र से भी अपने उत्‍पादों का पैसा वसूलता है तो उसका टैक्‍स कम क्‍यों नहीं और केन्‍द् तो राज्‍यों से इसके अलावा भी अन्‍

अब हर व्‍यक्ति हाईफाय,चाय, पान की दुकान में भी वायफाई!

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  अब हर व्‍यक्ति हाईफाय , चाय , पान की दुकान में भी वायफाई ! एक समय था जब पब्लिक टेलीफोन बूथ का जमाना था: उस समय मोबाइल नहीं हुआ करते थे और लोगों के यहां लैण्‍ड लाइन फोन भी बहुत कम हुआ करते थे ऐसे में पब्लिक टेलीफोन बूथ बहुत कारगर हुआ करते थे:सडकों पर दो चार कदम चलों तो वहां संचार का सबसे सुलभ और सस्‍ता साघन टेलीफोन उपलब्‍घ हो जाया करता था: अब मोबाइल का युग है इसमें वायफाइ का अपना अलग महत्‍व है: कई लोगो के फोन मे यह उपलब्‍ध नहीं है ऐसे लोगो के लिेये यह खुशखबरी है कि उन्‍हें जल्द ही देशभर में पब्लिक टेलीफोन बूथ की तरह पब्लिक वाई-फाई बूथ मिलने लगेंगे. इस काम के लिए पीएम वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वानी) नामक ईको सिस्टम तैयार किया जाएगा. इस बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने पीएम-वानी को अपनी मंजूरी दे दी है.सरकार के इस फैसले से 4 जी नेटवर्क से वंचित इलाकों के उपभोक्ता भी हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा ले सकेंगे , वहीं , ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों के लोगों को इंटरनेट के माध्यम से स्वास्थ्य , शिक्षा एवं सामान की खरीद-फरोख्त जैसी सुविधाएं मिल जाए

“चाकूबाजी” का खूनी खेल,कौन जिम्‍मेदार?

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  “ चाकूबाजी ” का खूनी खेल , कौन जिम्‍मेदार ? छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर मे चाकूबाजी की बढती घटनाएं चिंता का विषय है: एक के बाद एक हो रही चाकू मारकर हत्‍या की घटनाओं में एक बात यह भी सामने आई कि इन घटनाओं के पीछे एक हथियारो के सौदागर का भी हाथ है: गुढियारी थाना पुलिस ने हथियारों के उस सौदागर को गिरफ्तार किया है जो ई-कॉमर्स साइट से प्रतिबंधित हथियार मंगवाकर उसे दोगुने दामों में बेचता था: गिरफतारी के बाद उसकी निशानदेही पर काफी संख्‍या में हथियार बरामद किए हैं:‍पुलिस की कस्‍टडी में आने के बाद सौदागर की पोल खुली कि वह रायपुर के झंडा चौक का निवासी है जिसकी उमर मात्र बीस साल है अर्थात बालिग हुए भी उसकों ज्‍यादा समय नहीं हुआ और जिस समय उसे पढलिखकर आगे बढना था तब वह खून करने के अस्‍त्र की सौदागिरी में लग गया: यह एक अकेला युवक नही है जो नाबालिग से बालिग होने के साथ ऐसे गैर कानूनी धंधें में लिप्‍त होते जा रहे हैं: समाज की बात छोडियें स्‍वंय इनके माता पिता भी यह सब जानते हुए भी अपने बच्‍चों को बेलगाम छोड रहे हैं: जिसका पछतावा तब शुरू होता है जब वह कोई बडा गैरकानूनी कार्य कर अपने व अपने समाज क