उनका लक्ष्य है हिंसा से 'सत्ता, इनका तो कोई लक्ष्य ही नहीं!
रायपुर दिनांक 29 दिसंबर 2010 उनका लक्ष्य है हिंसा से 'सत्ता, इनका तो कोई लक्ष्य ही नहीं! ट्रेन का अपहरण, ट्रेन को पलटाकर कई लोगों की हत्या, सैकड़ों निर्दोष लोगों की गला रेतकर हत्या, देश के कई नवजवानों का खून बहाने, तथा करोड़ों रूपये की संपत्ति को फूं क देने के बाद भी अगर कोई सरकार सिर्फ कार्रवाही का भरोसा दिखाकर जनता को तसल्ली दे तो इसे क्या कहा जाये? वर्ष दो हजार दस अब खत्म होने को है और इस वर्ष में जिस तेजी से पूरे देश में नक्सलवाद ने अपने पैर जमाये हैं वह प्रजातंत्र पर विश्वास करने वालों के लिये एक कठोर चेतावनी है कि अब भी अगर वे नहीं चेते तो आने वाले वर्षो में उन्हें माओवाद को झेलना पड़ेगा। नक्सली सन् 2050 का टारगेट लेकर चल रहे हैं- उनका मानना है कि वे उस समय सत्ता पर काबिज हो जायेंगे लेकिन हमारी सरकार के पास ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है कि नक्सलियों के वर्तमान आतंक और तोडफ़ोड़ से कैसे निपटा जाये। प्राय: हर रोज किसी न किसी का खून बहता है तो दूसरी ओर करोडा़ रूपये की संपत्ति स्वाहा होती है। अभी दो रोज से लगातार बस्तर में ट्रेनों को पटरी से उतारकर देश का करोड़ों रूपये का नुकसान किया ह...