भ्रष्ट आचरण पर कांगे्रस की महासभा में रहस्ययम चुप्पी!

रायपुर दिनांक 3नवम्बर

भ्रष्ट आचरण पर कांगे्रस की
महासभा में रहस्ययम चुप्पी!
लगता है अब राजनीतिक पार्टियों के पास आम जनता को लुभाने का कोई नुस्खा रह ही नहीं गया। मंगलवार को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सम्मेलन में मुख्य मुद्दा था आरएसएस का आंतकवाद। राहुल गांधी से श्ुाुरू हुआ यह मुद्दा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बड़े- बड़े नेताओं, यहां तक कि सोनिया गांधी की जुबान से भी निकला लेकिन सर्वाधिक आश्चर्यजनक बात यह कि किसी नेता ने देश के ज्वलंत मुद्दे भ्रष्टाचार पर कोई चर्चा नहीं की। महाराष्ट्र में आदर्श आवास सोसायटी का मामला जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण आकंठ डूबे हुए हैं, पर्र अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी चुप हैं। हाल ही संपन्न राष्ट्र मंडल खेलों में हुए घोटाले के मामले में भी कांग्रेस की बोलती बंद है। कांग्रेस इस मामले में भी अब कुछ कहने की स्थिति में नहीं है कि- देश में मंहगाई के चलते आम जनता को क्या राहत दी जा रही है? विशेषकर मध्यमवर्गीय लोग जिन्हें किसी प्रकार का कोई लाभ सरकार की तरफ से नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी ने देश को दो हिन्दुस्तान बना दिया-उनके अनुसार एक हिन्दुस्तान अमीरों का है और दूसरा गरीबों का। वे दोनों हिन्दुस्तान को एक करने की बात कहते हैं। पूरे देश की बागडोर जिनके हाथों में है, वे किससे खाई पाटने की बात करते हैं? क्यों नहीं ऐसे प्रयास किये जाते कि देश में यह स्थिति आए ही नहीं। गरीब और अमीर किसने बनाया? स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी तो देश से गरीबी हटाने का नारा दिया था। क्यों इस वादे को पूरा नहीं किया गया? क्या गरीबी और गरीबों को इसलिये नहीं बनाकर रखा गया कि वे राजनीतिक पार्टियों के वोट बैंक बनकर रहे। क्यों नहीं भ्रष्ट तंत्र पर कड़ाई से लगाम लगाया नहीं जाता? क्यों पार्टियां अपने सम्मेलनों में यह मुद्दे उठाती कि- देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये सख्त से सख्त कानून बनाए जाए। धर्म और संप्रदाय की राजनीति आम जनता को कतई पसंद नहीं । क्या, यह देश के नेताओं की बनाई गई समस्या नहीं हैं? कभी अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा तो कभी आरएसएस की भगवा संस्कृति और उसकी सांप्रदायिकता-आंतकवाद की बात कहकर कब तक देश को यूं बांटने का काम हमारे नेता करते रहेंगे? क्यों ये नेता देश के नव निर्माण, शहरों और गांव के विकास की बात करते? स्व. पं. जवाहर लाल नेहरू, और स्व. इंदिरा गांधी की उस राजनीतिक पार्टी को यह क्या हो गया कि वह आज देश की जनता को उनकी नीतियों, उनके आदर्शो को त्याग कर दूसरी छोटी- छोटी पार्टियों के बगले झांक रही है। राहुल गांधी कहते हैं कि देश में एकमात्र कांग्रेस पार्टी है तो उनकी पार्टी क्यों नहीं गरीबों को कम से कम मध्यमवर्गीय बनाकर देश से सदैव इस समस्या को खत्म करने का प्रयास करती? आज देश में जो असल गरीब हंै वह और गरीब बनता जा रहा है। जबकि अमीर सारी हदों को पार कर पूरी ऊं चाइयों पर है, उसपर किसी प्रकार की रोक नहीं है। हमारा संविधान समाजवादी समाज की संरचना की बात करता है, लेकिन यह बात आज कहां गई? भ्रष्टाचार देश की रग- रग में समां गया है। जो लोग निर्माण कार्यो और देश के विकास का नारा लगाकर कथित जन सेवा में लगे हैं। वे विकास करने की जगह अपनी व अपने परिवार का पुश्तों तक इंतजाम करने में लगे हैं।

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