मौसम वालों ने कह दिया अच्छी बारिश होगी? भीषण गर्मी में हम झूम उठे!
हम खुश है कि इस भरी गर्मी में मौसम विभाग और स्कायमेट ने यह दावा कर दिया है कि इस बार मानसून सीजन में अच्छी बारिश होगी. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल भरपूर बारिश अर्थात 106 प्रतिशत तक होगी जबकि एक दिन पहले ही स्कायमेट ने 105 प्रतिशत बारिश का अंदाजा जताया था. मौसम विभाग ने कहा कि इस बार सभी जगह खूब बारिश होगी. सूखा झेल रहे मराठवाडा में तो सामान्य से ज्यादा की उम्मीद जताई है हालाकि अभी मई जून में मॉनसून के दो अनुमान और आएंगे लेकिन ये पहली बार है जब पहले अनुमान में ही 100 प्र्रतिशत से ज्यादा बारिश की उम्मीद जताई गई है.सवाल यहां यह उठ रहा है कि क्या हम इस अनुमान से खुश हो जायें चूंकि अभी नया मौसम आने में दो से ढाई महीने बाकी है. दूसरी बात यह कि मौसम विभाग की बातो पर हम कितना भरोसा करें? पूर्व के अनुभव बताते हैं कि वे जब भी अच्छे बारिश की बात करते हैं तो अच्छा सूखा पड़ता है और जब सूखें की बात करते हैं तो गीला होता है.पारा जब ऊंचाइयों पर हो और गर्मी के मारे लोगों की हालत पतली हो तो कोइ्र्र उन्हें बोल दे कि ले भाई थोड़ा ठण्डा पानी ले ले तो सामने वाले को बड़ी राहत मिलती है-क्या स्कायमेट और हमारा मौसम विभाग इस समय सूखे व भीषण गर्मी से लोगों को राहत दिलाने के नाम पर कुछ ऐसा तो नहीं कह रहा? हमारी मौसम प्रणाली आज तक ईश्वर के भारी तमाशें पर कोई सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पाई है.हम अपने देश की बात करें तो हमारा आधा हिस्सा सूखे की चपेट में छटपटा रहा है.महाराष्ट्र के लातूर मेंं मंगलवार को ट्रेन से पानी पहुंचाया गया ऐसा इस देश में पहली बार हुआ है.जब किसी क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने के लिये ट्रेन के डिब्बों में पानी दूसरे प्रांतों से भरकर भेजा गया.पानी मिलने से इंसान कितना खुश होता है इसका अंदाज लातूर में ट्रेन पहुंचने के बाद के दृश्य को देखकर लगाया जा सकता है जहां सौ से पौने दो सौ लोग वाटर ट्रेन के स्वागत के लिए रातभर से पटरियों और प्लेटफॉर्म पर जमा रहे- जैसे ही सूचना मिली कि ट्रेन आने वाली है, तो किसी ने कहा हार-फूल, नारियल-मिठाई ले आओ. थोड़ी ही देर में सारा सामान आ भी गया. ट्रेन के आते ही लोगों ने इंजन के सामने नारियल फोड़ा, पानी टैंकरों पर फूल चढ़ाए कुछ ने पानी एक्सप्रेस के साथ सेल्फी भी ली,कलेक्टर ने ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को माला पहना कर उनका स्वागत किया.पानी का स्वागत कर लातूर के लोगों ने पूरे देश को बता दिया कि हमारे जीवन में जल का कितना महत्व है लेकिन क्या हमारी सरकार अब इस स्थिति को कभी न आने दे इसके लिये कोई प्रयास करेगी?कहां गई नदियों को जोडऩे की योजनाएं, कहां गये वे रेन हार्वेस्टिंग के प्लान?और कहां गईअन्य सिचंाई योजनांए और अन्य गर्मी में पानी उपलब्ध रहने के प्लान? क्या देश के अन्य अनेक भागों में भी ट्रेन के जरिये लातूर की तरह पानी पहुंचाया जायेगा? यह संभव नहीं है.अगर ऐसा हुआ तो रेलवे को अन्य सारे काम छोड़कर इसी दिशा में सोचना पड़ेगा इसलिये यह जरूरी है कि हम मानसून की भविष्यवाणियों और अन्य सूचनाओं को दूर रख पानी का उतना ही उपयोग करें जितनी हमारे दैनिक जीवन में जरूरत हो. बारिश तो उतनी ही होगी जितनी होना है इसलिये हमें इस दिशा में सोचना होगा कि ऊपर से धरती पर जितना पानी गिरता है उसका संचय हम कैसे करें? देश के कइ हिस्से जब सूखें से जल रहेहैोते हें तब दूसरे स्थान पर बाढ़ आई हुई होती है कितना लीटर पानी यूं ही बह जाता है.जनसंख्या में बेतहाशा वृद्वि,कांक्रीट के भवन, कांक्रीट की सड़के और प्रदूषण इन सभी ने हमारी मुसीबते और बढा दी है.अगर मौसम विभाग का अनुमान सही है तो इस साल 94 प्रतिशत संभावना इस बात की है कि 96 फीसदी से ज्यादा बारिश होगी. एक प्रतिशत आशंका सूखे की है जबकि सिर्फ एक फीसदी संभावना इस बात की है कि इस साल देश में 90 प्रतिशत से कम बारिश हो. इससे कम पानी को मौसम विभाग सूखा मानता है. फिलहाल जो स्थिति है उसके अनुसार देश के 10 बड़े भूभाग वाले राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्टï्र, छत्तीसगढ़, ओडीसा, कर्नाटक, आंध्र, तेलंगाना, राजस्थान, झारखंड व उत्तर प्रदेश में जल अभाव व सूखे की स्थिति हो गयी है. गर्मी कुछ देर से आयी, लेकिन एकाएक तेजी से आ गयी. कहीं-कहीं गर्मी शुरू होने से पूर्व वर्षा व ओले भी गिरे है लेकिन यह भी इतना नहीं कि उससे जल संकट दूर हो जाये. इस साल गर्मी सामान्य से 1-2 डिग्री ज्यादा और तेज पड़ेगी और उसके कारण आने वाले समय में बरसात बहुत अच्छी हो जाने की संभावना बताई इस गर्मी से तो राहत दे ही रही हैभीषण गर्मी में सब खुश!.
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