कलाम नहीं रहे....इधर पंजाब में आतंकवादियो का ख़ूनी मंजर-सुरक्षा में भारी चूक!
कलाम नहीं रहे....इधर पंजाब
में आतंकवादियों का खूनी
मंजर-सुरक्षा में भारी चूक!
सोमवार को सुबह से पंजाब में खूनी मंजर की बुरी खबर के साथ शाम होते -होतेे एक और बुरी खबर ने पूरे देश को चौका दिया ''भारत के पूर्व राष्ट्रपति महान वैज्ञानिक अवुल पकीर जेनूला अब्दीन अब्दुल कलाम जिन्हें सारा विश्व इंडियन मिसाइल मेन के रूप में जानता था नहीं रहे.... '' विनम्र श्रद्वांजलि
पंजाब एक बार फिर आतंकवाद की गिरफत में आ गया. इस बार पाक से आये आतंकियों ने कहर ढा दिया. रात के अंतिम पहर में जब सब सो रहे थे तभी आतंकवादियों ने पाक सीमा से लगे गुरूदासपुर से भारत में प्रवेश किया और सबसे पहले एक आटो को रोकने का प्रयास किया लेकिन आटोवाला शायद उनके इरादों को भाप गया और बिना रूके आगे बढ़ गया आगे कार वालों के साथ उन्होंने कोई रहमी नहीं दिखाई, उसे रोकने के लिये अंधाधुन्ध गोलियां चलाई तथा कार को हाइजेक कर शहर के अनेक क्षेत्रों में दहशत फैलाया और थाने में घुसकर भी गोली चलाई.आतंकवादियों से बारह घंटे की अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ इस दौरान हुई जिसमें आतंकवादी तो मारे गये लेकिन हमें भी मानवीय क्षति उठानी पड़ी.पुलिस और सेना के बीच तालमेल का अभाव इस पूरी घटना के दौरान दिखा. पुलिस ने सेना से मदद लेेने में देरी कर दी इसलिये मुठभेड़ शायद इतनी देर चली.एक एसपी सहित कई लोगों को हमें गवाना पड़ा.आंतकवादी पूरे मुकाबले की गरज से मुम्बई हमले की तरह गोला बारूद के साथ आये थे. यह हमारे सुरक्षा व्यवस्था की चूक है कि आतंकवादी सीमा को पार कर शहर के भीतर तक घुस आये और हमारी सुरक्षा एजेंसियों को खबर तक नहीं लगी. भारत की खुफिया एजेंसियां कई दिनों से सतर्क करती रही है कि आतंकवादी किसी बड़े हमले की तलाश में है लेकिन सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया, दूसरी ओर पंजाब फिर अशांत होने की तैयारी में हैंं यहां मुख्यमंत्री बादल की सभा में खालिस्तान समर्थकों की नारेबाजी ने भी देश को एक बार फिर चौका दिया है. अस्सी के दशक में इस आतकंवादी संगठन की सक्रियता ने पंजाब को पूरी तरह अशांत बना दिया था तथा इसी के चलते पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को प्राण से हाथ धोना पड़ा था. पंजाब पूर्व से ही नशीले पदार्थों के बेचने वाले माफियाओं से परेशान है अब भीतरी और बाहरी दोनों प्रकार के आंतक से आम नागरिकों में दहशत का माहौल पैदा होना स्वाभाविक है. पंजाब के गुरूदासपुर सीमा की दृष्टि से सबसे संवेदनशील इलाका है-भारत पाक युद्व के दौरान पाक से बम-बारी भी इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा हुई थी. पाक सीमा से लगा होने के कारण पाक में मौजूद भारत विरोधी आतंकवादियों के लिये प्रवेश का यह सबसे उत्तम स्थान माना गया है लेकिन इसके बावजूद हमारी सुरक्षा व्यवस्था का क्या आलम है यह इस घटना से साफ हो जाता है. इस बार आतंकी हमले के बाद भारत में आंतकवादी गतिविधियों के लिये प्राय: अपनी जिम्मेदारी का दावा करने वाले संगठनों की चुप्पी भी विशेषज्ञों के लिये रहस्य बना हुआ है चूंकि इस आतंकवादी घटना के लिये अपनी जिम्मेदारी अब तक छिपा रखी है? वैसे यह पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हरकत है इसमें दो मत नहीं।
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