हर इंसान की हेल्‍थ आईडी का लेखा जोखा एक अच्‍छी पहल!

 

हर इंसान की हेल्‍थ आईडी का लेखा जोखा एक अच्‍छी पहल!

स्‍वतंत्रता के बाद देश की  सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे? हम इस मामले में आत्‍मनिर्भर नहीं थे: विदेशो से अनाज मंगाना पडता था सूखे की मार से कई राज्‍यों में लोग दाने दाने के लिये तरसते थे::कुछ ऐसी ही स्थिति करोना के बाद इस वर्ष बनी. लाक डाउन और अन्‍य कई तरीके से इस महामारी को रोकने के‍ लिये स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को मजबूत बनाना हमारी प्राथमिकता बनती जा रही है: चीन के साथ हमारा संबन्‍ध्‍ बिगडा हुआ है चीनी वस्‍तुओं का बहिष्‍कार कर दिया गया है तथा आयात भी बंद है ऐसे में आज हमें हर मामले में आत्‍मनिर्भर होना ही होगा: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस पर इस बात का जिक्र किया है: आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का  पेट भर सकते हैं तब आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी Creativity हमारी skills को बढ़ाना भी है. प्रधानमंत्री ने पूरे देश के लिये नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान किया:इस योजना के तहत हर देशवासी को हेल्थ आईडी दी जाएगी: कोविड 19 के परिप्रेक्ष्‍य में इस योजना का अपना दीर्घकालिक महत्‍व है: इसके तहत दी जाने वाली हेल्थ आईडी में हर नागरिक के स्वास्थ्य का पूरा लेखा-जोखा होगा: हर नागरिक के स्वास्थ्य, डॉक्टर का लेखा-जोखा एक एप या वेबसाइट के जरिए संचालित होगा लेकिन नागरिक ये रिकॉर्ड्स व्यक्ति तक ही सीमित रहेंगे: जब एक व्यक्ति अपने रिकॉर्ड दिखाने की अनुमति देगा तभी दूसरा डॉक्टर या व्यक्ति उस नागरिक की सारी जानकारी देख पाएगा:कोरोना संकट: आज 9 बजे देश को संबोधित ... राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन चार पिलर पर काम करेगा:..इासके तहत नम्बर एकइ हर नागरिक को एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जाएगी और विकल्प दिया जाएगा कि वो उसे अपने आधार से लिंक करवाए या नहीं: ये आईडी राज्यों, अस्पतालों, पैथालॉजिकल लैब और फार्मा कंपनियों में उपयुक्त होगी: ये आईडी पूरी तरह से स्वैच्छिक तरीके से काम करेगी नम्‍बर दो :इस प्लेटफॉर्म के जरिए देश के हर डॉक्टर को यूनिक पहचानकर्ता दिया जाएगा: ये नंबर रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग होगा: रजिस्ट्रेशन नंबर राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद की ओर से हर डॉक्टर को दिया जाएगा। डॉक्टर को डिजिटल हस्ताक्षर दिया जाएगा, जिसकी मदद से वो मरीजों को प्रिसक्रिप्शन लिखेंगेभारत में डिजिटल हस्ताक्षर बनाने के लिए फीस देनी होती है। हालांकि इस सेवा के लिए ना ही यूजर और ना ही डॉक्टर को भुगतान करना होता है: नम्‍बर तीन डॉक्टर और मरीज की तरह ही हर स्वास्थ्य सुविधा को एक यूनिक इलेक्ट्रॉनिक पहचान दी जाएगी। ये सुनिश्तित करेगा कि सभी सुविधाएं अप्रयुक्त रूप से मैप की गई है और अपने पहचानकर्ता सुविधा के जरिए अपने सभी क्लीयरेंस और ऑडिट के लिए इस्तेमाल की जाएगी: मौजूदा समय में भारत में अस्पताल खोलना एक कठिन प्रक्रिया है: ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत विविध आवश्यकताओं के लिए अलग-अलग एजेंसियों क्लीयरेंस और रजिस्ट्रेशन की जरुरत पड़ती है: नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत हर नागरिक को एक छतरी के नीचे लाने की तैयारी की जाएगी चौथी बात यह कि निजी स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स इन निजी रिकॉर्ड्स में नागरिक की सारी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों सम्मिलित होंगी। इसमें जन्म से लेकर प्रतिरक्षा, सर्जरी, प्रयोगशाला टेस्ट तक सारी जानकारी होंगी इसे हर नागरिक की हेल्थ आईडी से लिंक किया जाएगा। इस निजी हेल्थ रिकॉर्ड इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसमें अपने डाटा का स्वामित्व किसी व्यक्ति के पास ही होगा। इस रिकॉर्ड के जरिए एक कंसेट मैनेजर काम करेगा, जिसके तहत अगर कोई डॉक्टर भी डाटा या मरीज की रिपोर्ट देखना चाहेगा तो शख्स के पास संदेश आएगा कि डॉक्टर रिपोर्ट देखना चाह रहा है और कितने समय तक डॉक्टर रिपोर्ट देख सकता है:यही इस एप का सबसे बड़ा फायदा है कि अगर शख्स या मरीज की सहमति नहीं होगी तो सरकार भी उसका डाटा देख नहीं पाएगा लेकिन यह भी महत्‍पूर्ण् होगा कि ऐसा कर अरब तीस करोड से ज्‍यादा कि आबादी वाले देश में इतना आसान भी नहीं है किन्तु इस योजना की सफलता से इंसान की जिंदगी सफल हो जायेगी:

 

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