सतपथी ने नन दुष्कर्म कांड जांच को नया मोड़ दिया,पुलिस अब आशान्वित भेद खुल जायेगा...!
''मुर्दे भी बोलते हैं और घटना का सुराग छोड़ जाते हैंÓÓ-देश के विख्यात फ ँारेन्सिक एक्सपर्ट डा.डी.के.सतपथी के इस वाक्ये के साथ हम यह कहना चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में इस समय मानसून से ज्यादा अपराधी सक्रिय हैं.एक के बाद एक बड़ी वारदातों ने छत्तीसगढ़ पुलिस की नींद हराम कर दी है. इस बीच नन बलात्कार कांड में पुलिस को सतपथी के बयान से जैसे अमृत मिल गया हो.यह सही है कि सतपथी को फारेन्सिक की महारथ हासिल है, उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर इस मसले को सुलझाने की जो बात कही है वह शतप्रतिशत सही हो सकती है-बहुत दिनों बाद ही सही छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनका मार्गदर्शन लेकर अपने अन्वेषण को पुख्ता करने में एक अहम भूमिका अदा की है. मुझे डीके सतपथी के बारे में उनके परिवार के एक सदस्य ने एक किस्सा सुनाया था कि वे एक बार भोपाल से घर-बसना आ रहे थे तभी रास्ते में उनको जंगली इलाके में दुर्गन्ध आईर् तो उन्होंने गाड़ी रूकवाकर कहा कि मुझे यहां किसी मनुष्य के लाश की गंद आ रही है. थोड़ी दूर जाकर देखा तो एक व्यक्ति की लाश को जलाकर वहां फेका गया था. थोड़ी ही देर में उन्होंने यह बता दिया कि उसे मारकर यहां जलाया गया है. इस प्रकार की विशेषता बहुत कम लोगों में पाई जाती है. बहरहाल संपूर्ण छत्तीसगढ़ में ऐसे चौका देने वाले घटनाक्रम सामने आ रहे हैं जो पुलिस व सरकार दोनों के लिये चुनौती बनते जा रहे हैं. सोमवार को महासमुन्द से खबर आई कि ट्रेन में बदमाशों ने एक महिला के साथ न केवल छेड़खानी की बल्कि उसके कपड़े भी फाड़ दिये. दूसरा मामला भिलाई के बंटी घंटी जोड़ी का है जिसने लोगों को ठगकर करोड़ों रूपये की कमाई की- छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तुलना विशेषकर पूर्वी और उत्तरी राज्यो के मुकाबले अपराध कम ही कहा जा सकता है लेकिन अचानक बढ़ रहे अपराधों ने चिंता की स्थिति निर्मित कर दी है.बाहरी लोगों के जमावड़े ने सर्वत्र अलार्मिगं स्थिति निर्मित कर रखी है जबकि पुलिस इस मामले में अपराधियों के मुकाबले बौनी नजर आ रही है. रायपुर में इस समय जो घटनाएं आमतौर पर हो रही है उसमें नये युवाओं विशेषकर नाबालिग लड़के ज्यादा दिखाई दे रहे हैं.पुलिस को ऐसे लोगो पर सख्त निगाह की जरूरत है.टीवी संस्कृति अपराध को ज्यादा बढ़ावा दे रही हैं. कुछ चैनल तो अपराध के तरीके तक परोस रहे हैं.रायपुर में नन बलात्कार कांड एक ब्लाइंड क्राइम है जिसकी तह तक अगर छत्तीसगढ़ पुलिस पहुंचती है तो यह उसकी कामयाबी ही मानी जायेगी वरना यह मामला भी उस नन के साथ भी उसी जैसा माना जायेगा जैसा अन्य न्याय के लिये तरसती बलात्कार पीड़ितो के साथ हो रहा है. बलात्कार वास्तव में किसी महिला के साथ उसकी हत्या जैसा कृत्य है जब तक ऐसे मामलों में आरोपियों को कठोर से कठोर सजा अन्य लोगों के लिये एक संदेश के रूप में पेश नहीं की जायेगी ऐसी वारदातों का रूकना कठिन है. हमारी व्यवस्था की कमजोरी इसी में नजर आती है कि बलात्कार के कई मामले, जिसमें निर्भया बलात्कार हत्याकांड भी शामिल हैं में अपराधी सजा भोगने की जगह या तो छुट्टा घूम रहे हैं या फिर जेल में ऐश की जिंदगी गुजार रहे हैं.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें