लोग आदत से बाज नहीं आयेंगे ेउनके लिये चाहिये पुलिस एक्ट की धारा 34
कुछ लोगों की आदत है कि वे कहीं भी, कभी भी जगह मिले शुरू हो जाते हैं, फिर वे न आगे देखते हैं और न पीछे-आगरा डिविजन की रेलवे पुलिस ने ऐसे करीब 109 लोगों को पब्लिक प्लेस पर पेशाब करने, गंदगी फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया और सभी को 24 घंटे के लिए जेल भेज दिया. इनपर आरोप था कि उन्होंने रेलवे ट्रैक, पार्किंग प्लेटफॉर्म आदि पर पेशाब किया. हालांकि बाद में उनसे 100 रुपए से 500 रुपए तक का जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया लेकिन इससे एक संदेश पूरे देश को गया है कि ऐसा करने का खामियाजा किसी को भी भुगतना पड़ता है चूंकि यह अकेले आगरा या हमारे देश के किसी एक शहर की बात नहीं है, प्राय: हर नगर में ऐसी गंदगी फैलाने वाले आपको मिल जायेंगे. कुछ तो ऐसे भी हैं जो टायलेट होते हुए भी उसमें नहीं जाते बल्कि बाहर ही किसी दीवाल या सड़क के हिस्से को बरबाद कर देते हैं. ऐसे लोगों से निपटने का यह अच्छा तरीका है. अभी तो आगरा रेल मंडल की पुलिस ने यह कदम उठाया है, पूरे देश को इस मामले में पूरी तरह से सक्रिय होने की जरूरत है. जब तक आप लोगों की छोटी-छोटी गलतियों पर सख्त नहीं होंगे तब तक लोग ऐसी और इससे बड़ी गलतियां करते रहेंगे. आगरा में पुलिस रेल परिसर में फैली गंदगी से परेशान थी. जीआरपी ने खुले में गंदगी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ अभियान शुरू किया और पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हुई, उसके बाद यह अभियान आगरा डिविजन के 12 स्टेशनों पर 48 घंटों तक चलाया गया जिसमें 109 लोग पकड़े गए। इसमें से 27 लोगों को शुक्रवार को पकड़ा गया. कई तो बच निकले वरना यह संख्या और भी ज्यादा होती. अगर रोज इसी प्रकार किसी सार्वजनिक स्थल को गंदा करते हैं तो अनुमान लगाया जा सकता है कि उस स्थल का हाल क्या होगा? आगरा जीआरपी इसके लिये बधाई के पात्र हैं कि उसने ऐसा उदाहरण पेश किया जिसे पूरे देश की जीआरपी को ही नहीं बल्कि अन्य पुलिस को भी अपनाना चाहिये. सार्वजनिक स्थानों पर पेशाब अकेले एक बीमारी नहीं है लोग पान, गुटका खाकर थूक देते हैं. अगर दूसरी मंजिल में रहते हैं तो नीचे की मंजिल में कचरा फेंक देते हैं और भी कई किस्म की गंदगी करते हैं- हमारे कानून में ऐसी कई धाराएं हैं जो ऐसे मामलों में कार्यवाही कर ऐसे लोगों पर कार्रवाही कर जेल भेज सकती है या जुर्माना लगा सकती है किन्तु इन धाराओं का उपयोग बहुत कम होता है या कहें कि निष्क्रिय पड़ी है. चूंकि इन धाराओं में कार्रवाही करने पर पुलिस को कोई ऊपरी इनकम नहीं होती. अगर यह सब धाराएं सक्रिय हो जाये तो लोग नियम कानून से डरने लगेंगे और स्वच्छता अभियान को एक नया रास्ता दिखाई देगा. यह सब कानून का पालन कराने वालों की इच्छाशक्ति पर निर्भर होता है. आगरा पुलिस बता रही है कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है. सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वाले लोगों को पकड़कर उनके खिलाफ पुलिस एक्ट की धारा 34 के तहत कार्रवाई की गई है।?
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