आधार मूल्‍य तय करने की होड !

 



आधार मूल्‍य तय करने की होड
!

केरल में सब्‍जी उत्‍पादन बढकर चौदह दशमलव बहत्‍तर लाख टन हो गया है: यह वह राज्‍य है जहां प्राय: हर घर के आंगन में किसी न किसी सब्‍जी फल फूल की खेती होती हैं: मसालों की खेती भी वे घरों में करते हैं अब केरल के मुख्‍यमंत्री पी विजयन ने इस महीने की पहली तारीख से अठारह किस्‍म की सब्‍जियों का आधार मूल्‍य तय कर दिया है: सब्जियों की उत्‍पादन लागत से बीस फीसदी ज्‍यादा एमएसपी तय किया गया है स्‍वाभाविक है कि राज्‍य के कृषकों को इससे फायदा होगा व वे समृद्व होंगे: विजयन ने योजना की ऑनलाइन शुरुआत करते हुए कहा कि यह पहला मौका है, जब केरल में उत्पादित सोलह किस्मों की सब्जियों के लिए बेस प्राइस तय किया जा गया है. किसी भी राज्य की ओर से यह पहली ऐसी पहल है, जो किसानों को राहत और आर्थिक मदद देगी. इससे उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा. उनके नुकसान की आशंका कम होगी. सब्जियों को गुणवत्ता के अनुसार वर्गीकृत कर आधार मूल्य तय किया गया है:मुख्‍यमंत्री के अनुसार देशभर के किसान संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन पिछले साढ़े चार साल से हमने उनका समर्थन किया है. सरकार ने राज्य में कृषि को विकसित करने के लिए कई पहल की हैं:अगर बाजार मूल्‍य नीचे चला जाता है तो भी किसानों से बेस प्राइस पर ही उनकी उपज खरीदी जाएगी.इधर इस घोषणा के कुछ ही घंटो बाद और अन्‍य राज्‍यों ने भी इसकी देखा देखी अपने राज्‍यों में भी यह व्‍यवस्‍था लागू करने की घोषणा कर दी:तामिलनाड कर्नाटक अग्रणी रहे जबकि  छत्‍तीसगढ के पडौसी राज्‍य मध्‍यप्रदेश ने तो एक कदम आगे बढकर किसानों को उत्‍पादन का पचास प्रतिशत आधार मूल्‍य देने का ऐलान किया: केरल सरकार ने कुल
21 खाने-पीने की चीजों के लिए एमएसपी तय किए हैं. राज्य में टपियोका (जिसे मलयालम में कप्‍पा कहते हैं) का एमएसपी 12 रुपये प्रति किग्रा तय किया गया है.कप्‍पा वह खाद्व पदार्थ है जो केरल के प्राय: हर छोटे बडे घरो में अर्थात गरीब अमीर नाश्‍ते के साथ और भोजन के साथ  उपयोग करते हैं वहीं, केला 30 रुपये, अनानास 15 रुपये प्रति किग्रा और टमाटर का एमएसपी 8 रुपये प्रति किग्रा तय किया गया है. मध्‍यप्रदेश के साथ कर्नाटक सरकार भी ऐसी मांग पर विचार कर रही है. वहीं, पंजाब में किसान ऐसी मांग कर रहे है. महाराष्ट्र में अंगूर, टमाटर, प्याज जैसी फसलों के किसान भी एमएसपी की मांग कर रहे हैं. पंजाब के किसान संगठनों ने हाल में राज्य सरकार से सब्जियों और फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है. छत्‍तीसगढ सरकार ने अभी इस पर अपना कोई मत जाहिर नहीं किया है जबकि किसानों की तरफ से भी कोई बयान नहीं आया है लेकिन देर सबेर यह व्‍यवस्‍था अन्‍य कई राज्‍य अंगीकार कर सकते हैं: मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने केरल सरकार की इस घोषणा के बाद अपने राज्‍य के संबन्‍ध में बताया कि अनाज के समर्थन मूल्य के बाद अब हम सब्जियों पर न्यूनतम दाम तय करेंगे, इसमें किसानों को उनकी लागत का कम से कम 50 फीसदी मिलेगा मध्‍यप्रदेश अभी किसानों की सब्जियां और फलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की योजना पर काम कर रहा हैं, जिससे किसानों को अपनी सब्जी का सही भाव मिल सके, उन्हें औने-पौने दाम में न बेचने को मजबूर न होना पड़े: :गोवा सरकार ने राज्य में 3.5 लाख राशन कार्ड धारकों को एक विशेष अभियान के तहत 32 रुपये प्रति किग्रा की दर से प्याज उपलब्ध कराने का एैलान किया है:प्याज की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि के बाद गोवा राज्य मंत्रिमंडल ने लोगों को रियायती दर पर प्याज मुहैया कराने के प्रस्ताव के मंजूरी दी.गोवा सरकार कुल 3.5 लाख राशन कार्ड धारकों को 32 रुपये प्रति किग्रा की दर से तीन-तीन किग्रा प्याज उपलब्ध करायेगी: दूसरी ओर दिल्ली की बड़ी थोक मंडियों में प्याज़ 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.बारिश की वजह से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में प्याज़ की फ़सल ख़राब हुई है. इस वजह से मंडियों तक प्याज़ नहीं पहुंच पा रहा है और कीमतों में उछाल है.छत्‍तीसगढ सहित दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, चंडीगढ़, मुंबई, अहमदाबाद, केरल और तमाम अन्य शहरों में भी प्याज की कीमत आसमान छूने लगी हैं. अगले एक महीने प्याज़ की क़ीमतें और बढ़ने की भी संभावना बताई जा रही है:सरकारों को अब इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है

 

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