कोरोना काल में हुआ नायाब सौंदर्यीकरण!

 सपनो का शहर रायपुर





कोरोना काल में हुआ नायाब सौंदर्यीकरण!

कई सपने अब भी पूरे होने बाकी,

ट्रेफिक के जंजाल से कब मुक्ति मिलेगी?

क्‍या सौंदर्यीकृत स्‍थलों के रखरखाव पर भी उसी तरह ध्‍यान रहेगा जैसा इन्‍हे बनाया गया?

छत्‍तीसगढ की राजधानी रायपुर को निखारने में छत्‍तीसगढ सरकार को अभूतपूर्व सफलता मिली है यह काम उस समय हुआ जब कोराना काल अपने पूरे शबाब पर था: इसमें जो मेहनत लगी होगी इसका बखान नहीं किया जा सकता लेकिन चौक चौराहो और तालाब मात्र के सौंदर्यीकरण से हमे यह नहीं समझ‍ लेना चाहिये कि हमने अपने लक्ष्‍य को पूरा कर लिया: अभी भी पुराने रायपुर शहर में बहुत कुछ किया जाना बाकी है:हम मानते हैं कि सरकार का इस राजधानी शहर को एक उज्‍वल शहर बनाने की दृढ प्रतिज्ञा है किन्‍तु यह एक छोटी पहल मात्र है अभी इस शहर के लिये बहुत कुछ किया जाना बा‍की है: सबसे बडी समस्‍या यहां के ट्रेफिक सिस्‍टम को मजबूत सु्दृढ और आरामदेह बनाने की है और सरकार व यहां की स्‍वायत्‍त संस्‍था को इस दिशा में आगे बढकर पूर्ण प्राथमिकता के साथ इसे हल करना होगा वरना यह सब प्रयास धरे रह जायेगें:जिस ढंग से राज्‍य बनने के बाद से लेकर अब तक शहर की आबादी बढी है और बढती जा रही है उससे यह अंदाज तो लगाया जा सकता है कि आगे आने वाले वर्षो में रायपुर शहर की आबादी और किस तरह से बढेगी और यहां लोगो का चलना फिरना दौडना सब दूबर हो जायेगा: धार्मिक उत्‍सवों के दौरान सडकों पर जो भीढ उमड रही है कम से कम से उससे तो इस बात का अंदाज लगाया जा सकता है कि रायपुर शहर की धरती अब इससे ज्‍यादा बोझ सहन करने लायक नहीं है: इसके लिये कर्ताधर्ताओं को धरती छोडकर ऊपर आकाश की तरफ बढना होगा: अर्थात शहर के चारों और सडकों को चलने व वाहनों को दौडने लायक बनाने के साथ साथ जमीन के साथ साथ आकाश की ओर भी झांकना होगा: जब तक चारों दिशाओं में फलाई ओवर का निर्माण नहीं होता इस समस्‍या को हल करना संभव नहीं: हम मानते हैं इस दिशा में सरकार का प्रयास चल रहा है लेकिेन इसमें भी पूरी प्राथमिकता की जरूरत है:रायपुर का जयस्‍थंभ चौक हमारी शान है: शहीद वीरनारायण सिहं को अंग्रेजों ने यहां फांसी दी थी इस ऐतिहासिक स्‍थल का बूढातालाब जैसा कई बार नवीनिकरण और सौंदर्यीकरण किया गया लेकिन यह उस तरह का चौडा चौक व सौंदर्यीकृत नहीं हो सका जैसा इस चौक के बाद बने घडी चौक का हुआ है: क्‍या इस ऐतिहासिक स्‍थल को घडी चौक से बडा बनाकर इसका ओहदा नहीं बढाया जा सकता था

? इसके लिये आसपास के कई मकानों दुकानों को पीछे ढकेला जा सकता था किन्‍तु न स्‍टेट बैंक आफ इंडिया ने अपने भवन के अंश को पीछ खिसकाने दिया और न ही यहां पनप रहे अन्‍य भवन स्‍वामियों ने अपने भवन को इस ऐतिहासिक स्‍थल के विस्‍तार के लिये स्‍वयं होकर पहल की: जयस्‍तभ चौक पिछली सरकार के समय भी कुछ सौंदर्यीकरण के साथ कायम है लेकिन चौक की चौडाई चारों और से बढाने न पिछली सरकार ने कोई प्रयास किया और न ही इस सरकार ने: रायपुर में अगर हम विकास की रफतार और भविष्‍य को देखते हुए कार्य को देखना चाहे तो वह है नया रायपुर और स्‍वामी विवेकानंद हवाई अडडा और उसका रनवे जिसे भविष्‍य को लेकर तैयार किया है: रायपुर के रेलवे स्‍टेशन को भी अब इस श्रेणी में रखा जा सकता है जहां भविष्‍य को लेकर योजनाएं तैयार हो रही है: जो लोग रायपुर हवाई अडडे को आज जिस स्थिति में देख रहे हैं उनकी तो आंखे फटी रह जाती है क्‍योंकि ऐसे लोग आज भी हैं जिन्‍होने इस हवाई अडडे पर धूप में खडे होकर अपनों के आने जाने की प्रतीक्षा की है: बहरहाल हमे अपने मोर रायपुर को और सुंदर सुगम बनाने की जरूरत है इस दिशा मे प्रयास शुरू भी हो गया: रविवार एक नवंबर को छत्‍तीसगढ स्‍थापना दिवस पर हमने अपने सपने के शहर को खिलता देखा, लेकिन इसे अभी पूरी तरह खिलने व विकसित होने में वक्‍त लगेगा इसका प्रयास भी तेज है्: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस शहर को ही नहीं छत्‍तीसगढ को भी अच्‍छी तरह जानते हैं इसलिये यह कहने में कोई हिचक नहीं कि वे राजधानी को और भी सुगम व अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इसका रूप बदलने में कोई कसर नहीं छोडेंगे: स्थापना दिवस पर बीती शाम उन्‍होनें राजधानी रायपुर स्थित ऐतिहासिक ‘‘बूढ़ातालाब स्वामी विवेकानंद सरोवर‘‘ के सौंदर्यीकरण का मौके पर जाकर बोटिंग और पाथ-वे में भ्रमण कर अवलोकन किया :उन्होंने बूढ़ातालाब के नैसर्गिक सौंदर्य को नजदीक से निहारते हुए खुशी से अभिभूत होकर कहा था कि इससे बूढ़ातालाब ही नहीं बल्कि पूरे रायपुर शहर की खूबसूरती में एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गई है बूढातालाव करीब 87 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है: ऐतिहासिक बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण का भरपूर आनंद उठाने के लिए सभी आयु वर्ग के लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है: इसमें देश के सबसे बड़े फॉउन्टेन के साथ लेजर शोरंग-बिरंगी लाइटेंम्यूजिकल फॉउन्टेनटनल फॉउन्टेन तथा विशाल प्रवेश द्वार के साथ सौंदर्यीकरण से इसका निखरा भव्य स्वरूप सबके लिए आकर्षण का केन्द्र बना है इसमे कोई शक नहीं कि अब यह तालाब एक मामूली तालाब बनकर नहीं रह गया है बल्कि पूरे छत्‍तीसगढ व बाहर से आने वालों के लिये कुछ क्षण बिताने का एक पर्यटन स्‍थल भी बन गया बशर्ते की सौदंर्यीकृत तालाब का रखरखाव भी उसी तरह हो: हम पुराने अनुभवो के आधार पर यह बात कह रहे हैं चूंकि तालाब के पूर्व सौंदर्यीकरण के बाद यहां लगी लोहे की कुर्सी तक को चोर उखाडकर ले गये थे:इस बार बूढ़ातालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर के सौंदर्यीकरण के तहत वर्षो से जमी गंदगी को दूर कर पानी को स्वच्छ किया गया है। इसमें तालाब से सटी जर्जर सड़क को नागरिकों के लिए खूबसूरत पाथ-वे का स्वरूप दिया गया है। कोरोना की परिस्थितियों के बाजजूद भी रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अल्प अवधि में इस विशाल कार्य योजना को पूरा किया और बूढ़ातालाब स्वामी विवेकानंद सरोवर को नया स्वरूप देते हुए भव्य आकर्षण के केन्द्र के रूप विकसित कर शहरवासियों को इस ऐतिहासिक विरासत से पुनः जोड़ने का काम किया है इसके तहत तालाब के किनारे नवनिर्मित संरचना से स्वामी विवेकानंद की विशाल प्रतिमा तक पहुंचने के लिए बने फ्लोटिंग डेक ‘‘जल सेतू‘‘ का अहसास करा रहे हैं आकर्षक प्रवेश द्वारदो स्तरीय पाथ-वेम्यूजिकल फॉउन्टेनटनल फॉउन्टेनआकर्षक लैंड स्कैपिंग और जगमगाती रोशनी से तालाब की खूबसूरती का आनंद रायपुर वासियों के साथ देश भर से पहुंचने वाले पर्यटक ले सकेंगे। यहां चिल्ड्रन पार्क के अलावा नौकायान का भी आनंद ले सकेंगे साथ ही शहर के नागरिक अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहेइसलिए यहां ओपन जिम इक्यूपमेंट भी लगाए गए हैं: छत्‍तीसगढ स्‍थापना दिवस के अवसर पर बहुत से कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाये हैं जिनमें एम्‍स को रिंग रोड से जोडने वाली सडक है जिसे भूमि विवाद को लेकर अधूरा छोड दिया गया है यहां सडके के दोनो ओर स्‍ट्रीट लाइट लगाने का काम भी अधूरा पडा है: कई कामों निर्धारित लक्ष्‍य को पूरा करने में देरी चिंता का विषय है: मुख्यमंत्री ने स्‍थापना दिवस पर एक नवंबर को रायपुर शहर के जय स्तंभ चौक के सौंदर्यीकरण और मालवीय रोड में नवनिर्मित जवाहर बाजार का भी लोकार्पण किया नगर निगम द्वारा करीब 65 लाख की लागत से जय स्तंभ चौक के सौंदर्यीकरण का कार्य कराया गया है जिसमें लैंड स्कैपिंगचारों तरफ फोकस लाइट और एलईडी स्क्रीन लगाया गया है, लगभग 23 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित जवाहर बाजार के प्रथम तथा द्वितीय तल में 147 दुकानें और तृतीय तथा चतुर्थ तल में 16 कार्यालय कक्ष बनाए गए हैं 25 कारों की पार्किंग भी बनाई गई है उनका सौंदर्यीकरण मूलस्वरूप को यथावत रखते हुए किया गया है: जवाहर बाजार का विस्‍तार विकास व सौंदर्यीकरण जरूरी था यहां का बाजार न केवल रायपुर का बाजार है बल्कि यह पूरे छत्‍तीसगढ व अन्‍य प्रेदश का भी बाजार है जहां से सब्‍जी निर्यात होती है इस क्षेत्र की लगातार सफाई व मेन्‍टेनेंस जरूरी है इसके बगैर यहां का सौदंर्य सिर्फ चंद दिनो का होकर रह जायेगा ऐसा सभी स्‍थलों का होना चाहिये वरना यह भी बहुत सुन्‍दर ढंग से बने मोहबा बाजार के ओवर ब्रिज की तरह हो जायेगा जहां रखरखाव न होने से दोनो ओर बगीचे की जगह घास फूस लोगों की नाक भौ सिकोड रहे हैं:

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