अंतरराष्ट्रीय संधि में उलझा एक विदेशी राष्ट्र के राजनयिक पर बलात्कार का संगीन मामला!





''सन् उन्नीस सौ इकसठ में वियना में विभिन्न देशों के बीच एक संधि हुई थी जिसमें तय किया गया था कि किसी भी देश के राजनयिकों को वह देश राजनयिक संरक्षण देगा जिसमें वह कार्यरत है. इस संधि के अनुच्छेद  29 में कहा गया है कि किसी भी राजनयिक को हिरासत में नहीं लिया जा सकता न ही उसे गिरफ्तार किया जा सकता है, साथ ही उसके खिलाफ कोई ऐसी कार्रवाई भी नहीं की जा सकती जिससे उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचे. इस संधि के अनुच्छेद संख्या इकतीस में यह भी कहा गया कि किसी राजनयिक को आपराधिक मुकदमे से भी छूट हासिल हैÓÓ
वियना की यह संधि  इसलिये भी याद आ रही है चूंकि भारत सउदी के राजनयिक पर कार्रवाई करना चाहता है और पुलिस व सरकार दोनों इस संधि से बंधी हुई है. गुडग़ांव के एक फ्लैट में रहने वाले राजनयिक व उनके साथ कुछ लोगों पर आरोप है कि उन्होंने भूकंप पीडि़त दो नेपाली महिलाओं का न केवल लगातार रेप किया बल्कि उन्हें प्रताडि़त भी किया व अपने दोस्तों को भी परोसा. हमारी सरकार को इन सउदी डिप्लोमेट्स पर कार्रवाई से पूर्व वहां की सरकार से कहना पड़ेगा कि वह राजनयिक संरक्षण हटा ले. बिना अनुमति के अगर हमारी सरकार अंतरराष्ट्रीय कानून को नजरअंदाज कर कोई कार्रवाई करता है तो सउदी अरब भी भारत के राजनयिकों के साथ ऐसा ही कर सकता है. ऐसा बहुत से राष्ट्रों में हुआ है. अमरीका और रूस के बीच तो कई बार होता रहा है कि एक राजनयिक को गिरफ्तार करने की स्थिति में दूसरे ने दो को गिरफ्तार कर लिया किन्तु ऐसा भी कई बार हुआ है कि एक देश के कहने पर दूसरे देश ने अपने राजयनिक  सेसंरक्षण हटा लिया. अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन में तो ऐसा कई बार हुआ है. संधि का इससे बड़ा उदाहरण और क्या दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच भारी तनाव की स्थिति के बाद भी कभी एक दूसरे देश के राजनयिक को हाथ तक नहीं लगा सका. सउदी अरब के मामले में भारतीय जांच एजेंसियों के सामने यही समस्या है कि वह राजनयिक को पूछताछ के लिए भी नहीं बुला सकते. उनके खिलाफ तब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकती जब तक उन्हें राजनयिक संरक्षण हासिल है. यहां तक कि उन्हें बदनाम भी नहीं किया जा सकता और भारत का फर्ज बन जाता है कि उनकी हिफाजत की जाए. इस सप्ताह बुधवार को गुडग़ांव पुलिस ने कहा था कि सऊदी अरब के एक राजनयिक के खिलाफ दो नेपाली महिलाओं ने उन्हें अगवा करने और गुडग़ांव के एक फ्लैट में उनके साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है. गुडग़ांव के इस फ्लैट को सऊदी अरब के दूतावास ने किराए पर लिया था. महिलाओं में से एक की उम्र 50 साल और दूसरी की 30 साल है. एक महिला नेपाल के मोरंग और दूसरी बांग्लुंग की रहने वाली है. महिलाओं को पहले सऊदी अरब ले जाया गया था और पांच महीने पहले ही ये गुडग़ांव आईं थीं. जब एक नई महिला घरेलू काम करने इस फ्लैट में पहुंची तो उसे नेपाली महिलाओं की कथित दशा का पता चला और फिर उसने एक एनजीओ को इस बारे में बताया. एनजीओ के मार्फत मामला पुलिस तक पहुंचा. इसके बाद गुडग़ांव पुलिस ने डीएलएफ फेज 2 में एक फ्लैट पर छापा मारकर दो महिलाओं को छुड़ाया. अब देखना दिलचस्प हो गया है कि अतंरराष्ट्रीय संधि के चलते इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है?

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