जंगल में जवानों की मौत का ताण्डव कब तक? How long till death of jawans in jungle?കാട്ടിൽ ജവാൻ മരിക്കുന്നതുവരെ എത്ര കാലം?
जंगल में जवानों की मौत का ताण्डव कब तक ? सवाल यही है कि हमारे जंगलों में हमारे जवानों का खून बहने का सिलसिला आखिर कब खत्म होगा ? नक्सली समस्या शुरू होने के बाद से जवानो और कई बडे नेताओं सहित कितने ही लोगों का खून बह चुका है कि यह अगर सूख नहीं जाता तो एक नदी का रूप ले सकता था: यह सब जानते हुए भी खून बहने का सिलसिला जारी है और हम सिर्फ संवेदना व्यक्त कर रहे हैं , मुआवजा बाटकर पीडित परिवारों को खुशिया बांटने की कोशिश कर रहे हैं: इस गंभीर समस्या का ध्यान किसी और का गया हो या न गया हो लेकिन फिल्म इंण्डस्ट्रीज ने जरूर इसका बखान अच्छे ढंग से किया है: मलयालम फिल्म { उण्डा } ने यहां की वास्तविक स्थिति को बखूबी प्रदर्शित किया : बस्तर में फिल्माये गये इस फिल्म के मुख्य अदाकार दक्षिण के सुपर स्टार मामूटी हैं नक्सल समस्या को लेकर जवानों को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पडता है ऐसा पहली बार इस फिल्म में देखने को मिला है एक अहिन्दी भाषी क्षेत्र से आये जवानों को घने जंगलों से भरे इलाके में पहुंचने के बाद कितनी कठिनाइयों का सामना करना पडता है यह इस फिल्...