फेसबुक और व्हाट्सअप में दुनिया तो जुड़ेगी लेकिन क्या साधू और शैतान भी रहेंगे?
मार्क जकरबर्ग भारत आये और उन्होंने फेस बुक को पूरे विश्व में फैलाने की बात कही. वे चाहते हैं कि एक अरब लोग आन लाइन हो जाये,वे यह भी कह रहे हैं कि भारत के बगैर दुनिया से नहीं जुड़ सकते. जब टीवी पूरे विश्व के बाद भारत में इंट्रोड्यूस हो रही थी तब भारत में परंपरा और संस्कृति की दुहाई देने वालों ने ेकोहराम मचा दिया था-सबसे ज्यादा इसका विरोध यहां हुआ था कि इससे हमारी परंपरा, संस्कृ ति नष्ट हो जायेगी लेकिन धीरे-धीरे यह धारणा बदलती गई और टीवी को सबने अंगीकार किया- अब वही लोग घर में सबसे आधुनिक मंहगी टीवी लेकर मनोरंजन कर रहे हैं. खैर यह तो होना ही था, किसी नई चीज को अंगीकार करने में थोड़ा समय तो लगता ही है लेकिन कुछ बुुराइयां तो सभी लेकर आती है उन्हें दूर करने का प्रयास भी उसी तरह किया जाना चाहिये. इसमें दो मत नहीं कि टीवी ने हमारी संस्कृ ति पर जोरदार हमला किया. कुछ मामले में जहां बदलाव हुआ तो कुछ को बिगाड़कर भी रख दिया. विदेशी और देशी का मिलाजुला मिक्श्चर भी सामने आया लेकिन अब जो मार्क जकरबर्ग का हमला फेसबुक के रूप में हुआ है उसे यद्यपि भारतीयों ने काफी हद तक झेला है उसे और कितना झेल पायेंगे यह आगे आने वाले वर्षों में ही पता चल सकेगा.फेसबुक और व्हाट्सअप दोनों ही समाज में एक दूसरे से संपर्क बढ़ाने और अपना संदेश तीव्र गति से पहुंचाने का माध्यम है,इसमें गूगल तो हर बात का पता लगाने का भी माध्यम बन गया है अभी हाल ही गूगल और व्हाटसअप पर तो यूजर्स की जासूसी करने तक का आरोप लग गया है.इन हालातों में अगर कोई उसके दुरूपयोग पर उतर आये तो कई घर बरबाद हो सकते हैं अब हैदराबाद की इस हकीकत को ही देखिये इंजीनियरिंग में पडऩे वाले 21 साल के छात्र अब्दुल माजिद ने फेसबुक में 18 महीनों तक दो सौ लड़कियों से दोस्ती की और धोखे से उनकी नंगी तस्वीरें लेकर उन्हें ब्लेक मेल करता रहा.अब्दुल ने अलग-अलग काल्पनिक महिलाओं के नाम से आठ फर्जी अकाउन्ट बनायें. इन खातों से वह प्रतिष्ठित स्कूलों की छात्राओं से दोस्ती करता था और उनकी नंगी तस्वीरे मांगता था और उसके जरिये उन्हें डराकर ब्लेक मेल करता था. उसके कहने पर कई लड़कियों ने उसे तस्वीरे भेजी. उसने कइयों को पुलिस अधिकारी की बेटी बताकर यह कहा कि अगर वह उसे अपनी तस्वीर नहीं देगी तो वह उसके साथ हुई सारी बातचीत उसके पिता को बता देगा. मार्क जकरबर्ग की फेसबुक दुनिया के लिये है हम मानते हैं कि फेसबुक में हर प्रकार की व्यवस्था है कि लोग जिसे चाहे उसे अपने मन की बात बताये किन्तु एकाउन्ट तैयार करते समय यह देखने का कोई इंतजाम भी होना चाहिये कि कौन सही है और कौन गलत है अगर पुुरूष और महिला को ही फेसबुक कन्फर्म न कर अकाउन्ट बनाये तो यह समाज के लिये बहुत घातक साबित हो सकता है.अब्दुल मजीद अब अरेस्ट हो चुका हैं लेकिन फेसबुक में ऐसे कई लोग अब भी मौजूद हैं जो समाज को हानि पहुंचा रहे हैं.दुनिया में फेसबुक की संख्या बढ़ाने के लिये अगर ऐसे लोग फेसबुक और व्हाट्स अप जैसी फास्ट सर्विस में जुड़ेंगे तो यह वास्तव में चिंता का विषय होगा.बहरहाल हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि जकरबर्ग फेसबुक को आगे बढ़ाकर लोगों से जोड़े लेकिन साधु और शैतान की पहचान करने का तरीका भी साथ में खोज निकालें.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें