“चाकूबाजी” का खूनी खेल,कौन जिम्मेदार?
“चाकूबाजी” का खूनी खेल,कौन जिम्मेदार
छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर मे चाकूबाजी की बढती घटनाएं चिंता का विषय है: एक के बाद एक हो रही चाकू मारकर हत्या की घटनाओं में एक बात यह भी सामने आई कि इन घटनाओं के पीछे एक हथियारो के सौदागर का भी हाथ है: गुढियारी थाना पुलिस ने हथियारों के उस सौदागर को गिरफ्तार किया है जो ई-कॉमर्स साइट से प्रतिबंधित हथियार मंगवाकर उसे दोगुने दामों में बेचता था: गिरफतारी के बाद उसकी निशानदेही पर काफी संख्या में हथियार बरामद किए हैं:पुलिस की कस्टडी में आने के बाद सौदागर की पोल खुली कि वह रायपुर के झंडा चौक का निवासी है जिसकी उमर मात्र बीस साल है अर्थात बालिग हुए भी उसकों ज्यादा समय नहीं हुआ और जिस समय उसे पढलिखकर आगे बढना था तब वह खून करने के अस्त्र की सौदागिरी में लग गया: यह एक अकेला युवक नही है जो नाबालिग से बालिग होने के साथ ऐसे गैर कानूनी धंधें में लिप्त होते जा रहे हैं: समाज की बात छोडियें स्वंय इनके माता पिता भी यह सब जानते हुए भी अपने बच्चों को बेलगाम छोड रहे हैं: जिसका पछतावा तब शुरू होता है जब वह कोई बडा गैरकानूनी कार्य कर अपने व अपने समाज के सामने मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह जाते: गरीबी, मध्यम वर्गीय और अशिक्षा के बीच बडे होने वाले प्राय: ऐसे बिगडेल बच्चों के माता पिता को इस बात की कतई चिंता नहीं रहती कि उनका बेटा क्या कर रहा है: कहां से पैसा लेकर आ रहा है यहां तक कि वे अपने इस फटे हाल के बावजूद अपने ऐसे कृत्य करने वाले युवकों की हर इच्छा पूरी करने में कोई कसर नहीं छोडते: अपने अवैध कमाई के बल पर एैश्वर्य की जिंदगी जीने वाले ऐसे युवकों में से कुछ तो पुलिस के सामने ही कीमती मोटर सायकलों में तेज आवाज की बासुरी बजाते हुए नाचते गाते दिखाई दे जाते हैं:जिस अपराधी का यहां जिक्र शुरू में हुआ है उसे पकडने के बाद जो तथ्य सामने आये हैं वे भी कम चौकाने वाले नहीं है: बटनदार
, गुप्ती, लंबे और धारदार चाकू: स्वाभाविक है कि उसका मकसद किसी मुर्गे या बकरे को काटने का नहीं रहा होगा बल्कि उसका मकसद अपराधियों को सप्लाई कर उनको खून करने प्रेरित करने व पैसे कमाना रहा होगा :वह खरीदारों को दोगुने दामों में बेचता और अच्छा मुनाफा कमाता था:तीस पैतीस दिन के दौरान रायपुर शहर और आसपास के इलाकों में चाकू की नोक पर हुई हत्याओं से यह तो अंदाज लगाया जा सकता है कि इन हत्याओं में भी सप्लाई हुए अस्त्रों का इस्तेमाल हुआ: पुलिस रिकार्ड में है कि तीस से पैतीस दिन के बीच हुई नौ हत्याओं और अन्य त्रेपण से ज्यादा वारदातों में चाकू का इस्तेमाल किया गया:राजधानी रायपुर की पुलिस इस बात के लिये बधाई की पात्र है कि उसने चाकूबाजी करने वाले आरोपियो में से प्राय:सभी को सलाखों के पीछे भेज दिया है: छोटे-छोटे विवाद में आवेश में आकर युवकों ने चाकूबाजी की है: इन घटनाओं में मरने वाले भी आरोपियों के परिचित या दोस्त ही हैं: पुरानी बस्ती क्षेत्र में एक युवक ने अपने ही दोस्त को चाकू मार दिया दोनों के बीच रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था: पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया जबकि दूसरे घायल को मेकाहारा में भर्ती कराया गया: चंद छोटे समय अर्थात करीब एक माह के अंदर ही हत्या की नौ वारदाते चौका देने वाली तो है ही साथ ही यह संदेश भी दे रही है कि ऐसे तत्वों की गतिविधियां बिना खौफ के नियंत्रण से बाहर होती जा रही है:आंकड़े इसलिए भी चौंकाने वाले हैं, क्योंकि हत्या और मारपीट की सभी वारदातों में चाकू का उपयोग हुआ है:पुलिस को कुछ ऐसे युवकों के पास हथियार मिले, जिनका कोई पिछला रिकार्ड नहीं है: पिछले महीने नवंबर में रायपुर के टिकरापारा में हत्या के दो जानलेवा हमले की दो घटनाएं हुई हैं जबकि इस महीने भी बोरियाखुर्द में एक नाबालिग की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई: इसके अलावा पिछले महीने पुरानी बस्ती, डीडी नगर, सरस्वती नगर, सेजबहार, माना और मंदिर हसौद में एक-एक हत्या की घटना हुई है: कबीर नगर, टिकरापारा, गुढियारी, सिविल लाइंस में हत्या का प्रयास हुआ है, जबकि 31 थानों के अंतर्गत 53 चाकूबाजी और नुकीले हथियार से हमला हुआ है:टिकरापारा में 30 साल व 25 साल के युवाओं के बीच गांजे को लेकर झगड़ा हो गया: चार दोस्त पार्टी मनाने बैठे थे, इस दौरान एक दोस्त ने ज्यादा गांजा ले लिया दूसरे ने गुस्से में आकर युवक के पेट में चाकू घोंप दिया:पुलिस का दावा है कि उसने राजधानी में 553 चाकूबाजों की सूची बनाई है कुछ नए लोगों का नाम जोड़ा गया है, रोज पुलिस अलग-अलग इलाकों में जांच करके बदमाशों को पकड़ रही है:" पुरानी बस्ती के अश्वनी नगर में हुई घटना यह दर्शाती है कि कतिपय युवाओं का समय शहर में आवारागरर्दी और गुण्डा गर्दी में बीतता है टिकरापारा की घटना दर्शाती है कि घटनास्थन पर दो दोस्तो की पार्टी चल रही थी इसी दोरान वहां एक अन्य पहुंच गया इसी बीच रुपयों को लेकर दोनों में विवाद हो गया बात इतनी बढ़ी एक ने चाकू निकाला और दूसरे को मार दिया:राजधानी तो राजधानी आसपास का क्षेत्र भी इस किस्म के अपराधों से अछूता नहीं है:भिलाई के जयंती स्टेडियम के सामने युवती से बात कर रहे 12वीं के छात्र को 3 युवकों ने चाकू मारकर घायल कर दिया:युवती से बातचीत करने के दौरान उनके सामने से गुजर रहे तीनों बाइक सवार युवकों ने हुटिंग की थी: इसी दौरान किसी ने छात्र पर चाकू से हमला कर दिया :पुरानी रंजिश को लेकर रायपुर के टिकरापारा क्षेत्र के बोरियाखुर्द में सत्रह साल के किशोर से चाकुओं से गोदकर की गई हत्या चर्चा का विषय बना: बूढ़ा तालाब से घर तक स्कूटर से छोड़ने का झांसा देकर एक आरोपी साथ ले गया था:बदले हुए माहौल में परिवार का दायित्व हो जाता है कि उनका लाडला घर से बाहर जाने के बाद क्या कर रहा है किस किस्म के लोगों के साथ धूम रहा है उसके व्यवहार में कितना और कैसा परिवर्तन आ रहा है वह जो पैसे लेकर आ रहा है वह कहां से कमाकर ला रहा है आदि:
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