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छत्तीसगढ़ में एम्स,,,, नाम बड़े दर्शन छोटे

छत्तीसगढ़ मेें 'एम्स.... नाम बड़े, दर्शन छोटे सिर्फ 'छींकने वालों की जांच के लिये क्यों बना दिया अस्पताल ? पांच साल से ज्यादा का वक्त गुजर गया.. मरीजों को दूसरे अस्पताल जाने का डायरेक्शन दिया जाता है...  साफ्टवेयर अपडेट करने जैसे मामलों के लिये दस रूपये की वसूली... वह भी बिना रसीद के.. करोडों रूपये खर्च करने के बाद भी क्यों नहीं तैनात हुए विशेषज्ञ? क्यों नहीं लगायें गये आधुनिक जरूरी उपकरण? एम.ए. जोसेफ छत्तीसगढ़ के लोगों ने जिस उम्मीद, उत्साह,  उमंग से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स का स्वागत किया था क्या वह इसमें खरा उतरा है? क्या यह उनकी आवश्यकताओं को पूरा कर पा रहा है? वास्तविकता यह है कि एक विशालकाय महल बना दिया गया है जो दिखने में तो सुन्दर लगता है किन्तु अंदर से पूरी तरह खोखला है। वर्तमान एम्स उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है जिसकी उम्मीद छत्तीसगढ़ राज्य व उसके आसपास रहने वाले राज्यों के लोग कर रहे थे आज जो एम्स है उसकी वास्तविकता जानना है तो उन मरीजों से पूछा जा सकता है जो यहां पैसा खर्च कर अपने अभिन्न का इलाज करवाने धक्के खाकर सुबह से लाइन में खड़े होकर अस्पताल