गरीब-मध्यम के हाथ से फिसल रहा गैस-तैल!
शनै शनै हम कुछ ऐसी वस्तुओ पर आश्रित होते जा रहे हंै जो हमारे लिए जरूरी तो है किन्तु हमारी आर्थिक क्षमता अब उसे स्वीकार करने लायक नही रह पा रही है, इसमे सबसे महत्व की बात तो यह है कि जिन्हें हमारे लिए इसका प्रबंध करना है वे ही इससे या तो मुँह मोड़ रहे हैं या जिद पर अड़े हुए हैं.वर्तमान हालात मे ईंधन जिसमे पेट्रोल, डीजल, गैस सब शामिल है जो हरेक व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है सारी मुसीबत की जड़ बन गया है.घर मे चूल्हे से लेकर दफ्तर ओर एक शहर से दूसरे शहर तक की दूरी को तय करने के लिये पेट्रोल, डीजल, गैस तीनों महत्वपूर्ण कड़ी है.ईधन की भूमिका जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन गई है पेट्रोल, डीजल औऱ गैस के भाव बढ़ते है तो ऐसा लगता है जैसे हमारी पीठ पर कोई प्रहार कर रहा है दाम बढ़ते हैं तो यह न केवल व्यक्तिगत रूप से लोगो की परेशानी का सबब बन रहा है बल्कि संपूर्ण देश की अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रहा ह.ै पिछले कुछ वर्षों से शुरू के महीने में तो पेट्रोल और डीजल के दाम में एक मामूली सी स्थिरता थी जो आगे चलकर एक आम समस्या के रूप में बदल गई लोगों का दैनि...