सवाल स्मृति की शिक्षा का या संवैधानिक त्रुटि का?
सवाल स्मृति की शिक्षा का या संवैधानिक त्रुटि का? ''पढ़ोगे लिखोगे बनागे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब जो बच्चे कभी लिखते पढ़ते नहीं, वो इज्जत की सीड़ी पर चढ़ते नहीं, यही दिन है पढ़ने के पढ़ लो किताब बुराई के रास्ते से बचके चला कभी न झूठ बोलों न चोरी करोÓÓ हमें बचपन से यही गीत गाकर पढ़ाया लिखाया गया है.हम यही सुनते आये है लेकिन ''अगर काम से ही किसी का मूल्याकंन करना है तो देश के युवाओं को अब डिग्री लेने की जरूरत नहींÓÓ-स्मृति इरानी की माने तो कुछ ऐसा ही संकेत मिलता है. नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में मानव संसाधन मंत्री जैसा महत्वपूर्ण सम्हालने वाली कम उम्र की मंत्री,जिन्हें देश की उच्च शिक्षा, जाँब,शिक्षा में एफडीआई, आईआरटी, आईबाईएम, एम्स, स्किल डेवलपमेंट, युवाओं की उम्मीदो और बेसिक शिक्षा के दायित्वों को पूरा करना है,वे सिर्फ बारहवीं कक्षा पास है. उनका कहना हैै कि उनके पास तजुर्बा है और उसी को रखकर देश की शिक्षा नीति और उससे संबन्धित अन्य कार्यो को तय करेंगी. स्मृति अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव हार गई, राहुल गांधी जैसे कांग्र...