एशिया में क्रिेकेट पर हमारा डंका ....क्यों न अन्य खेलों पर भी?



बंगला देश की धरती पर भारत माता की जय लगने का यह दूसरा अवसर हमें उस समय हमें मिला जब हमने उस देश की धरती पर एशिया कप पर कब्जा कर लिया, इससे पूर्व एक बार और हमें ऐसा मौका मिला था जब बंगला देश की धरती पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना को धूल चटाकर भारत माता की जय के नारे लगाये थे. क्रिकेट में विश्व कप पर जीत हमारे लिये एक चैलेंज था जो धोनी की टीम ने पूरा करके दिखाया.अब हमारा दूसरा पड़ाव विश्व कप की ओर होना चाहिये वह क्रिकेट ही नहीं अन्य देशी व विदेशी खेलों में हमारे खिलाडिय़ो को उसी प्रकार तैयार करना होगा.बांग्लादेश के गेंदबाजों ने खिताबी जंग में भारतीय बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का चांस नहीं दिया और मुकाबले को अंत तक ले गए।  हम एक ऊंचे शिखर पर पहुंंच गये. फाइनल मैच में बारिश ने शुरुआत में मजा किरकिरा कर दिया था, लेकिन खेल खत्म होते-होते मुकाबला कांटे का होता चला गया। भारत को अंतिम 18 गेंदों में 24 रन बनाने थे जबकि क्रीज पर शिखर धवन और विराट कोहली खेल रहे थे, लेकिन 13वें ओवर की चौथी गेंद पर धवन 60 रन बनाकर आउट हो गए। क्रीज पर जम चुके धवन इसी ओवर की चौथी गेंद पर आउट हुए। उनके आउट होने से बंगला देश की टीम के गेंदबाजों में जोश आ गया और जब लगा कि वे भारतीय बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने की कोशिश करेंगे तो भारतीय कप्तान धोनी ने दांव चला और युवराज सिंह, हार्दिक पांड्या या सुरेश रैना में से किसी को ऊपर भेजने के बजाए खुद को प्रमोट करते हुए नंबर चार बल्लेबाज के तौर पर खुद बल्लेबाजी के लिए आ गए। एशिया कप भारत ने जीत लिया। सबसे ज्यादा 6 बार यह कप जीतने का रिकॉर्ड भी हमने अपने नाम कर लिया। धोनी की कप्तानी में भारत ने दूसरी बार यह खिताब जीता है।  बांग्लादेश ने शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में भारत के सामने 121 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में टीम इंडिया ने शिखर धवन (60) और विराट कोहली (41) की शानदार इनिंग की मदद से 13.5 ओवरों में 2 विकेट के नुकसान पर टारगेट हासिल कर लिया।  भारत को अंतिम 2 ओवरों में जीत के लिए 19 रन और बनाने थे। एक ओर कोहली थे तो दूसरी ओर कप्तान धोनी मौजूद थे। धोनी 2 गेंद पर 3 रन बनाकर खेल रहे थे। टूर्नामेंट के सबसे सफल गेंदबाज अल-अमीन हुसैन जब 14वां ओवर डालने उतरे तो उनकी पहली ही गेंद को धोनी ने मिडविकेट के बाहर छह रनों के लिए भेज दिया। इस छक्के ने मेजबान दर्शकों को निराश कर दिया जिससे पूरे स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया। इसी ओवर की चौथी गेंद को धोनी ने कवर बाउंड्री की दिशा में खेलकर जिससे उनके खाते में 4 रन और जुड़ गए। चौके से भारत अब लक्ष्य से 5 रन दूर था जबकि उसके पास अभी 7 गेंदें और बची थी, लेकिन धोनी देरी से खत्म होने जा रहे मैच को खत्म करने में देरी नहीं करना चाहते थे और पांचवीं गेंद पर भी छक्का जड़कर टीम को खिताबी जीत दिला दी एशिया कप जीतने के बाद कप्तान एमएस धोनी का चार्म फिर लोट आया है. इस मैच  के जरिये ओपनिंग जोड़ी  का फार्म देखने को मिला जबकि बालर्स ने भी एक अच्छा काम्बीनेशन बनाया. अब तक भारतीय टीम में ंजो आलराउण्डर्स की कमी दिखाई दे रही थी वह पूरी होती दिखाई दी. बंगला देश केा पराजित कर भारत ने एशिया कप फिर जीत  लिया है इससे पूर्व 1984,88,90-91,95और 2010 में भी एशियाकप पर कब्जा कर चुकी है. एशिया कप में भारत की जीत के बाद टीम इंडिया के खेमे में उत्साह है। टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले रिकॉर्ड जीत से खिलाडयि़ों के साथ कप्तान खुश हैं, सारा देश खुश  है हम भारत के  इस लोकप्रिय बन चुके खेल के आगे भी विश्व  कप में विश्च कप में विजय की कामना करते हैं लेकिन साथ में खेल को प्रश्रय देने वालों से चाहेंगे कि वे देश में अन्य विष्व स्तरीय खेलों के बारे में भी सोचे जो हमें विश्व में अपना नाम बनाये  रखने में मदद  करता हैं. व्यक्तिगत खेल के अलावा हाकी, कबड्डी और फुटबाल को भी इसी श्रेणी में लाकर खडा करने के लिये प्रयास को और तेज किया जाये. अगले ओलंपिक खेलों मे भारत के नाम का डंका बजा ऐसा प्रयास हर स्तर पर होना चाहिये.

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