रिश्तों का मर्डर और आरक्षण से उठी अग्रि की ज्वाला-अब आगे क्या होगा?


मोदी शांति की अपील कर रहे हैं-
राहुल जम्मू-कश्मीर में दु:ख बाट रहे हैं
नीतीश पैकेज को लेकर आंकड़े पेश कर रहे हैं
तो केन्द्र सरकार बिहार चुनाव की रणनीति तैयार कर रही हैं
.... और देश का रोल माडल गुजरात आरक्षण के आग की लपटे उगल रहा  है- आरक्षण आंदोलन के लीडर हार्दिक पटेल ने ऐलान कर दिया है कि जो चीज मांगने से नहीं मिलेगी उसे हम छीन लेंंगे? इन राजनीतिक और रणनीतिक खबरों के बीच एक हाई प्रोफाइल आपराधिक खबर ने चौबीस घंटे के अंदर देश को चांैका दिया कि देश की इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़ी एक प्रसिद्व उद्योगपति महिला इन्द्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी और बेेटे को बहुत समय तक समाज के सामने अपनी बहन - भाई बताया और अब जब उसका ड्रायवर अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप में गिरफतार हुआ तो यह रहस्योद्घाटन हुआ कि वह जिसे अपनी बहन बताकर उसके अमरीका में होने की बात करती रही वह उसकी बहन न होकर उसकी अपनी बेटी थी और सन् 2012 में ड्रायवर व पूर्व पति के साथ उसकी गला घोटकर हत्या कर दी थी. बहरहाल तीनों को मुम्बई पुलिस ने गिरफतार कर लिया है जिसमें उसका पूर्व पति भी शामिल  है.. आगे अभी बहुत सा खुलासा होना बाकी है.इधर गुजरात में आरक्षण की आग ने राजनीतिक माहौल को काफी गर्म कर दिया है. चूंकि यह नरेन्द्र मोदी  के गृह राज्य गुजरात और देश के रोल माडल से जुड़ा मामला है इसलिये भी यह गंभीर हो गया है.दूसरी प्रमुख बात यह कि इस प्रदेश से एक और केजरीवाल के उदय ने संपूर्ण राजनीति में ही उथल पुतल मचा दी है.आरक्षण पर हार्दिक पटेल को

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन मिल गया है. हार्दिक पटेल यद्यपि आरक्षण के इस आंदोलन को सिर्फ और सिर्फ आरक्षण की मांग तक जोड़े रहने की बात कर रहे हैं लेकिन क्या वास्तविकता यही है? हार्दिक पटेल के पिता मूलत: भाजपा से जुड़े हैं और हार्दिक के बारे में कहा जाता है कि वे केजरीवाल के समर्थक है. हार्दिक ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश का समर्थन प्राप्त होते ही अपना पासा आंन्ध्र के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू की तरफ भी यह कहते हुए फेंका है कि वे भी पाटीदार हैं. हार्दिक पटेल आंदोलन का गुर नरेन्द्र मोदी से व इसे सफल बनाने की सीख अरविन्द केजरीवाल से मिलने की बात करते हैं. दूसरी ओर महाराष्ट्र का धनगर समाज भी हार्दिक पटेल से सीख लेकर आगे बढऩे की फिराक में है,जाट समाज पहले से ही सड़क पर है ऐसे में क्या आरक्षण की आग पूरे देश में यूं ही भड़केगी और इसका हश्र वही होगा जो गुजरात का है? हार्दिक पटेल इस आंदोलन के दौरान यह भी कह चुके हैं कि मांगने से हमें अधिकार नहीं मिलता तो हम छीनना भी जानते हैं। कई सवालों के बीच देश में आरक्षण का मसला फिर आग की लपटों के बीच है इसमें कई तरह की घी का मिश्रण मिलाया जा रहा है जो कभी भी तेजी से भभक सकता है.

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