शास्त्री चौक ही सब कुछ क्यों? जयस्तभं-शारदा चौक भी तो है!


 रायपुर का ट्रेफिक सुधार कार्यक्रम शास्त्री चौक तक ही सिमटा हुआ क्यों है?पिछले कई दिनों से पूरा प्रशासन शास्त्री चौक को ही पूरा शहर मान बैठा है और उसकी खातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ रहा शायद इसलिये भी कि यहां से इस प्रदेश के कर्ताधर्ता दिन में कई बार गुजरते हैं जबकि जयस्तंभ चौक जो शहर का दिल है उसे विकसित करने का कार्य ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया है. इधर रायपुर के टैफिक को बुरी तरह प्रभावित करने वाले शारदा चौक से लेकर तात्यापारा तक के रोड़ पर ट्रेैफिक की बुरी हालत पर रायपुर का प्रशासन चाहे वह नगर निगम हो या जिला प्रशासन अथवा पुलिस प्रशासन सब खामोश है. इस मार्ग को आमापारा से तात्यापारा चौड़ीकरण के साथ- साथ पूरा किया जाना था लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाही नहीं की गई. संबन्धित लोगों को मुआवजा देकर उसी समय हटा दिया जाता तो शायद यह नौबत नहीं आती  कि अब यहां से हटाने के लिये लोगों को दा से तीन गुना ज्यादा मुआवजा देना पड़ेगा. रायपुर नगर निगम, जिला प्रशासन  और सरकार के बीच  के झगड़े का खामियाजा रायपुर सहित पूरे देश के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है. पीक हावर्स में इस रोड़ से गुजरना कठिन हो जाता है.वाहन एक दूसरे से चिपचिपाते हुए चलते हैं ऊपर से ट्रेफिक पुलिस वालों ने अस्थाई विभाजन के नाम से मोटे मोटे विभाजक लगा दिये हैं. विचित्र हालात है इस रोड़ का.जीई रोड़ होकर भी शहर का यह हिस्सा किसी गली से कम नजर नहीं आता. शहर के कर्ताधर्ता योजनाएं बनाते हैं, उसे लम्बा खीचते हैं इस दौरान खर्चा दुगना तीन गुना हो जाता है. इस छोटे से पेच को ठीक करने में मुश्किल से एक माह का समय लगेगा लेकिन अहम की लड़ाई में आम आदमी पिस रहा है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मुम्बई- नागपुर-राजनांदगांव- दुर्ग- भिलाई तरफ से शहर की तरफ से आने वाला सारा ट्रेफिक इसी मार्ग से होकर गुजरता है. सरकार को चाहिये कि तत्काल  इस सड़क का चौड़ीकरण करें या फिर टाटीबंद से कृषि विश्वविद्यालय तक फलाई ओवर का निर्माण करें. ऐसे ही एक फलाई ओवर की जरूरत पंचपेड़ी नाका से  रायपुर रेलवे स्टेशन तक भी जरूरी है. अगर चौड़ीकरण के साथ फलाई  ओवर और साथ में मोनो रेल की व्यवस्था नहीं की गई तो आगे आने वाले वर्षो में मौजूदा सड़कों पर  से लोगों का गुजरना कठिन होगा. शहर के योजनाकारों को चाहिये कि वह एक ऐसी योजना बनाए जो भविष्य में किसी प्रकार की ट्रेफिक समस्या को जन्म ही न लेने दें.

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