'सुसाइड के एक नहीं कई कारण


मानसिक तनाव, गृह कलह, कर्ज, पे्रम मेें विफलता, चरित्र पर संदेह,  परीक्षा में अंक कम आना, परीक्षा में फैल होना,  यह कुछ ऐसे कारण है जिसके चलते इंसान आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं। आत्महत्या का रूप अब विस्तारित होने लगा है। लोग अब खुद तो अपने आपको खत्म कर ही रहे हैं दूसरे को भी खत्म कर अपने  आपको खत्म करने  पर तुल गये हैं।   एनसीआरबी- ''नेशनल कोएलीगेशन आफ मेन जेण्डर इक्वालिटी एण्ड सोशलिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या का राष्ट्रीय औसत 11.2 है जबकि छत्तीसगढ़ का 4.2 प्रतिशत। छत्तीसगढ़ में किसान से लेकर आईएएस आईपीएस तक की आत्महत्या के मामले सामने आये हैं ।अब इन दो चार महीनो में परिवार के मुखिया या परिवार के किसी सदस्य द्वारा सभी सदस्यों को मारकर आत्महत्या एक फैशन सा बना हुआ है। पिछले  साल एक सिरफिरे ने कबीर नगर में अपनी पत्नी व दो मासूम बच्चों का खून कर दिया । जबकि एक बच्चा कैसे भी बच गया वहीं शुक्रवार को रायपुर के ही ताज नगर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी व दो मासूम बच्चों की गला दबाकर  हत्या कर दी फिर खुद भी फांसी पर झूल गया। गरीबी से तंग आकर दुर्ग में एक पूरा परिवार पिछले साल आत्महत्या कर चुका है। घर के अंदर एकांत में होने वाले इन हत्याकांडों का आखिर क्या  इलाज हैं? समाज इसे खोजने का प्रयास करता आ रहा है लेकिन घटना होने के बाद कुछ समय तक हर मामलों की तरह इस मामले का भी कोई हल कोई नहीं निकाल पाया। आत्महत्या तो मौत है किन्तु इसके रूप भिन्न है। कई इसलिए आत्म हत्या कर रहे हैं चूंकि उन्हें परीक्षा में अंक कम आए. कुछ  इसलिए आत्म हत्या करते हैं कि वे अपने मां बाप की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. और कई इसलिए आत्म हत्या कर रहे हैं कि प्रेमिका ने उन्हे धोखा दे दिया. और कई नवयुवतियां इसलिए आत्म हत्या करती हैं कि उनके पिता के पास धन का अभाव था इसलिए शादी करने में असमर्थ हैं. कई मां बाप भी इसीलिए आत्म हत्या कर रहे हैं कि धन के अभाव में शादी नहीं करा पा रहे हैं ।  कुछ युवतियां दहेज  लोभी ससुराल वालो द्वारा परेशान करने के कारण आत्महत्या के लिए मज़बूर कर देते हैं. कई इसलिए आत्म हत्या कर रहे हैं कि वे आतंकवाद की चपेट मे आ गये हैं. और उनको धर्म की ज़हरीली घुट्टी पिलाई जाती है सुसाइड कर प्राण गंवाने वालों मे ज़रा भी संकोच नहीं होता, खुद तो मरते हैं साथ ही लोगों को बिना कसूर के मार देते हैं. सुसाइड पर अब तक कई तरह की बाते हुई लेकिन इस जघन्य कृत्य पर अब तक कोई अंकुश नहीं लग पाया।

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